उसने यह चरितार्थ कर दिखाया कि अगर आदमी में लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता। इसके लिए जरूरी नहीं कि वह उस विषय का ज्ञाता हो। मोक्षराज आरंग के बद्रीप्रसाद लोधी पीजी कॉलेज में बीएससी जीवविज्ञान के प्रथम वर्ष का छात्र है, लेकिन उसने कबाड़ से जुगाड़ करके वैक्यूम क्लिनर, मिनी टेबल फैन, हेड फोन, एक्सटेंशन बॉक्स जैसी अनेक चीजें बनाई हैं।
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पिछले दिनों वे एक बोरे में कई प्रोजेक्ट लेकर राजधानी पहुंचे और न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में एक-एक सामान (मॉडल) की जानकारी दी। यहां पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से इन्वायरोथॉन प्रतियोगिता हुई। उन्हें प्रतियोगिता में महाविद्यालयीन श्रेणी में पहला पुरस्कार मिला। संवाददाता को उसनेे बताया कि उनके पिता और चाचा प्लंबर व इलेक्ट्रिशियन हैं। उनसे ही प्रेरित होकर वह बेकार वस्तुओं पर प्रयोग करने लगा। उसने जीव विज्ञान इसलिए चुना (CG Hindi News) क्योंकि वह गणित में कमजोर है, लेकिन नवाचार और प्रयोग उसका जुनून है। ये नवाचार किया वैक्यूम क्लिनर ये है गले में लटकाने वाला पंखा। प्लास्टिक फोम से इस मॉडल को तैयार किया है। मोटर से प्लास्टिक के पंखे को गति मिलती है और आपको हवा।
मिनी टेबल फैन पेंट के खाली बॉक्स और पीवीसी पाइप से मिनी टेबल फैन तैयार किया है। बॉक्स में मोटर और स्वीच फिट किया है। जबकि पाइप में प्लास्टिक पंखा। हेड फोन
प्लास्टिक बोतल के ऊपरी हिस्से में बेकार हो चुके स्पीकर को लगाया है। इलेक्ट्रिकल पाइप को बैंड कर हेड के लिए शेप तैयार किया। एक्सटेंशन बॉक्स बॉडी लोशन के खाली डिब्बे में स्वीच फिट कर वायरिंग कर दी और तैयार कर दिया सबके लिए एक्सटेंशन बॉक्स।