आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर भी इस योजना को लागू करने की मांग कर चुके हैं। दरअसल, ओडिशा के 5 लाख से ज्यादा मरीज हर साल यहां इलाज कराते हैं। इसलिए सभी निजी अस्पताल इस योजना को आगे बढ़कर ले रहे हैं। यही नहीं, अस्पताल के गेट पर योजना का पोस्टर भी देखा जा सकता है। इस योजना में ऐसा करना अनिवार्य है।
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प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना (शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना) चल रही है। इसमें एपीएल परिवार को हर साल 50 हजार व बीपीएल परिवार को 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज कराने की सुविधा है। ये योजना प्रदेश के 800 से ज्यादा सरकारी व निजी अस्पतालों में चल रही है। बीजू स्वास्थ्य योजना केवल निजी अस्पताल चला रहे हैं, क्योंकि सरकारी अस्पतालों के पास आयुष्मान भारत योजना चलाने की मजबूरी है। ऐसे में आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों की मांग पर भी शासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। आयुष्मान की तरह बीजू योजना में सभी बीमारियों का पैकेज है और इससे ज्यादा है। डॉक्टरों के अनुसार पैकेज केंद्र सरकार ने तय किया है, लेकिन राज्य सरकार इसे घटा बढ़ा सकती है। दरअसल, जो पैकेज केंद्र से तय है, उससे ज्यादा पैकेज करने पर अतिरिक्त राशि राज्य सरकार को देनी होगी। ओडिशा सरकार ऐसा ही कर रही है। इसलिए निजी अस्पताल बीजू स्वास्थ्य योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ से लगे खरियार रोड, नुआपाड़ा, संबलपुर से काफी संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं।
छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत की प्रगति
Biju Health Scheme: कमीशन अच्छा, दलाल ला रहे मरीज इसलिए विवाद भी
बीजू योजना में पैकेज अच्छा होने के कारण निजी अस्पताल ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज करना चाहते हैं। इस कारण कई दलाल भी इसमें कूद गए हैं। वे जल्दी इलाज का झांसा देकर अस्पतालों में मरीज ला रहे हैं। पिछले दिनों राजेंद्रनगर के एक निजी अस्पताल में ऐसा ही विवाद हुआ। वहां एक कमर दर्द के मरीज का ऑपरेशन करने का मामला सामने आया था। आयुष्मान योजना से इलाज कराने के लिए भी कई दलाज व एजेंट सक्रिय रहते हैं। खासकर छोटे व मंझोले अस्पताल योजना के तहत इलाज कर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। दरअसल यहां स्थापना खर्च व स्टाफ की सैलरी बड़े अस्पतालों की तुलना में कम होते हैं।