मंत्री अमरजीत भगत ने शुक्रवार को मंदिर हसौद, उमरिया, रीवां और आरंग के धान खरीदी केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने रीवां उपार्जन केन्द्र में निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था पाए जाने पर वहां के समिति प्रबंधक सहित संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि वे धान खरीदी केंद्रों का निरंतर औचक निरीक्षण करेंगे और अव्यवस्था और किसी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।
भगत ने बताया कि प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में किसानों से अब तक 32.63 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। गत दिनों प्रदेश के कुछ हिस्सों में आकस्मिक बारिश होने के कारण कुछ खरीदी केन्द्रों के फड़ के गीले होने की स्थिति निर्मित हुई है। ऐसी स्थिति में किसानों को 2 और 3 जनवरी को धान बेचने हेतु जारी टोकन के स्थान पर पुनः टोकन जारी किया जाएगा। शासन द्वारा पंजीकृत किसानों के धान की निर्धारित पात्रता अनुसार खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई है। किसान अपना धान पुनः टोकन जारी कराकर खरीदी केन्द्रों में लाकर विक्रय कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का 2500 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए समिति गठित की है। यह समिति भारत सरकार तथा अन्य राज्य सरकारों द्वारा किसानों को नगद सहायता देने से संबंधित योजनाओं का परीक्षण कर तथा सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर एक माह में अनुशंसा प्रस्तुत करेगी।