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इस्पात इंडस्ट्री में खपत अधिक
फर्नेस ऑयल पेट्रोलियम का बाइप्रोडक्ट है। और यह इस्पात संयंत्रों में उपयोग होता है। रायपुर के सिलतरा, उरला के अलावा दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव के औद्योगिक इलाके में इसकी भारी खपत रहती है। बताया जाता है कि यह डीजल से महंगा होता है।
कंपनी की पहली कार्रवाई
पिछले कई सालों से तेल माफिया पेट्रोल-डीजल और फर्नेस ऑयल चोरी और मिलावट का खेल कर रहा है। कंपनी की ओर से यह पहली बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सीधे ट्रांसपोर्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले केवल पुलिस डीजल चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती थी। बताया जाता है कि फर्नेस ऑयल में मिलावट कराने वाले यूनिक ट्रांसपोर्टर के मालिक नरेश माथुर के खिलाफ राजनांदगांव में भी अपराध दर्ज हुआ है। इसके बाद कंपनी ने मंदिरहसौद थाने में अपराध दर्ज कराया।
दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव का गिरोह
फर्नेस ऑयल के अलावा पेट्रोल-डीजल की चोरी करने वाले गिरोह दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव के हैं। करीब दो साल पहले पुलिस ने देवेंद्र नगर के एक यार्ड में छापा मारा था। वहां केरोसिन से नकली डीजल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। इस गिरोह के लोग भी बीपीसीएल के टैंकरों की गाडिय़ों से फर्नेस ऑयल और पेट्रोल-डीजल चोरी के लिए कुख्यात है। इसके सरगना सुभाष साव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में वह जमानत पर छूट गया। सूत्रों के मुताबिक उसके गिरोह फिर सक्रिय हो गए हैं।
मयंक धीमान, क्षेत्रीय प्रबंधक (औद्योगिक), रायपुर शिकायत मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है। पेट्रोल-डीजल चोरी करने वालों के खिलाफ पहले भी पुलिस ने कार्रवाई की है।
संजीव मिश्रा, टीआई, मंदिरहसौद, रायपुर