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करोड़ो का हुआ घोटाला
बैंक में हर महीने खून से 200 लीटर एफएफपी तैयार किया जाता है। यानी एक साल में 2400 लीटर। रेडक्रॉस का 2017 से कंपनी के साथ अनुबंध है। कोरोनाकाल के 2 साल कम ब्लड डोनेशन होने के बाद भी कंपनी को 10 हजार लीटर से ज्यादा एफएफपी सप्लाई करने का अनुमान है। 2800 रुपए/लीटर के हिसाब से रेडक्रॉस को इसके बदले 2.80 करोड़ से ज्यादा मिलते। लेकिन, 1.60 करोड़ ही मिले। मतलब 1.20 करोड़ कम। (CG Raipur News) यही वजह है कि इस पूरे मामले को भ्रष्टाचार से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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एमओयू कैंसल करने के बाद भी उसी कंपनी को बेच रहे
इन्टास कंपनी से एमओयू पर हस्ताक्षर पूर्व मेडिकल ऑफिसर डॉ. डीवी बघेल के कार्यकाल में हुआ था। पत्रिका ने जब इसे लेकर बात की तो उनका कहना था, कंपनी को कम रेट में प्लाज्मा मुहैया जानकारी मुझे दिसंबर में मिली थी।(CG Raipur News) मैंने अकाउंटेंट से पूछा तो पहले वह सरकारी नियमों का हवाला देने लगा। मैंने फिर पूछा कि कौन सा नियम है जो कम रेट में एफएफपी बेचने के लिए कहता है। फिर उसने कंपनी से बात कर प्लाज्मा की कीमत 2000 रुपए प्रति लीटर करवाई थी। हालांकि, मैंने एमओयू तभी रद्द कर दिया था। (CG Raipur News) पत्रिका को सूत्रों से खबर मिली है कि कंपनी को अब भी सप्लाई जारी है।
ध्यान दें माननीय… आज राजभवन में ही कैंप लगेगा
किसी भी राज्य में राज्यपाल ही रेडक्रॉस के अध्यक्ष होते हैं। सोमवार को रेडक्रॉस राजभवन में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाने जा रहा है। रेडक्रॉस डे पर आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने सीएम, मंत्री और आला अफसरों को भी न्योता दिया गया है। कैंप के बाद खून का क्या होगा? माननीयों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
ब्लड घोटाले की जांच कहां पहुंची, किसी को खबर नहीं
पत्रिका ने इससे पहले रेडक्रॉस ब्लड बैंक में 800 यूनिट खून घोटाले का भी खुलासा किया है। मामले में जांच भी बैठी। लेकिन पहुंची कहां तक, इसकी खबर किसी को नहीं है। पत्रिका रिपोर्टर ने जब राज्यपाल के सचिव से पूछा तो उन्होंने रेडक्रॉस के चेयरमैन से बात करने कह दिया। रेडक्रॉस चेयरमैन ने पूछने पर कलेक्टर का पता बता दिया। कलेक्टर ने कहा कि फिलहाल जानकारी नहीं है। फाइल निकलवाता हूं।
रेडक्रॉस ब्लड बैंक में फर्जीवाड़ा सालों से चल रहा है। जो लोग ये काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ पहले भी जांच व कार्रवाई हुई है। लेकिन, वे पद पर बने हुए हैं। राजभवन से शिकायत की है।
-रमाशंकर शर्मा, लाइफ टाइम मेंबर, रेडक्रॉस छत्तीसगढ़
ब्लड घोटाले के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। वे ही जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। एफएफपी के बारे में जो आप बता रहे हैं, उसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।
– अशोक अग्रवाल, चेयरमैन, रेडक्रॉस छत्तीसगढ़