रायपुर

कोविन और आरोग्य सेतु से मिलते-जुलते ऐप, जरा सी गलती, ठग उड़ा लेंगे डेटा

अगर आप कोरोना टीका (Corona Vaccine) लगवाने का स्लॉट बुक करवाने के लिए अपने मोबाइल में केंद्र सरकार के COWIN और आरोग्य सेतु (Aarogya setu App) ऐप डाउनलोड कर रहे हैं, तो सावधान रहे।

रायपुरMay 30, 2021 / 05:50 pm

Ashish Gupta

कोविन और आरोग्य सेतु से मिलते-जुलते ऐप, जरा सी गलती, ठग उड़ा लेंगे डेटा

रायपुर. अगर आप कोरोना टीका (Corona Vaccine) लगवाने का स्लॉट बुक करवाने के लिए अपने मोबाइल में केंद्र सरकार के COWIN और आरोग्य सेतु (Aarogya setu App) ऐप डाउनलोड कर रहे हैं, तो सावधान रहे। इनसे मिलते-जुलते नाम वाले फिशिंग ऐप भरे पड़े हैं। इन ऐप को डाउनलोड करते ही मोबाइल में पड़े पासवर्ड, फोटो, डाटा चोरी हो जाते हैं।
साइबर एक्सपर्ट और रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने इस तरह के ऐप संभलकर डाउनलोड करने व इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इस समय टीकाकरण सबकी जरूरत है, इसलिए साइबर ठगों ने टीकाकरण रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार द्वारा अधिकृत कोविन ऐप और आरोग्य सेतु ऐप के कई नकली वर्जन बना डाले हैं।

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साइबर विशेषज्ञ मोहित साहू ने बताया, जागरूकता ही फर्जीवाड़े से बचा सकती है। ऐप डाउनलोड करने की बजाय वेबसाइट के सहारे अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज ब्राउजर में यह वेबसाइट मोबाइल डाटा या घर के वाईफाई से उपयोग करके खोले। यदि कोई जल्दबाजी में इन फर्जी ऐप को डाउनलोड करने लगता है, वहीं फिशिंग का शिकार हो जाता है।
ऐप को डाउनलोड करते समय वो कई तरह की परमिशन मांगता है, जैसे..मोबाइल डाटा, लोकेशन, मैसेज, फोटो व ई-मेल को एक्सेस करने की परमिशन। एक्सेस की परमिशन देकर जब आगे बढ़ते है, तो पता चलता है, कि ऐप तो किसी काम का नहीं है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने (सर्ट इन) इन नकली ऐप को लेकर एडवायजरी जारी की है।

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मैसेज भी भेज रहे आरोपी
साइबर ठग मोबाइल फिशिंग ऐप बनाने के अलावा लोगों को ठगने के लिए उनके मोबाइल में मैसेज भेज रहे है। मैसेज में वैक्सीन स्लॉट बुक कराने के बारे में लिखा रहता है और उसके साथ लिंक अटैच किया जाता है। मोबाइल यूजर जैसे ही लिंक को क्लिक करता है, गूगल ओपन मार्केट से वो डाउनलोड हो जाता है और लिंक के जरिए सभी जानकारी साइबर ठग तक पहुंच जाती है।

फर्जी ऐप को प्रमोट करने पैसे भी खर्च कर रहे
साइबर विशेषज्ञ मोहित साहू के अनुसार गूगल में ठगी का मायाजाल फैलाने के लिए ठग 20 से 25 हजार रुपए खर्च करके फर्जी ऐप को प्रमोट करते हैं। यूजर जब भी ऐप से जुड़ी चीजें गूगल में डालता है, तो सबसे पहले प्रमोट किया हुआ ऐप यूजर को दिखाई देता है। सही होने के आश्वासन पर यूजर उसे डाउनलोड कर लेता है और अपनी पर्सनल जानकारी साइबर ठग को दे बैठता है।

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वेबसाइट से बुक करे स्लॉट
साइबर विशेषज्ञ मोहित साहू ने बताया, जागरूकता ही फर्जीवाड़े से बचा सकती है। ऐप डाउनलोड करने की बजाय वेबसाइट के सहारे अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज ब्राउजर में यह वेबसाइट मोबाइल डाटा या घर के वाईफाई से उपयोग करके खोले।

रायपुर एएसपी लखन पटले ने कहा, साइबर ठगों से जिलेवासियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने (सर्ट इन) ने जिन फर्जी ऐप को लेकर एडवायजरी जारी की है। उनका प्रचार प्रसार सोशल मीडिया में किया जाएगा, ताकि लोग बचे रहें।
रिपोर्ट मोहित सेंगर द्वारा

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