अब यह खुलेआम इन ऑनलाइन कंपनियों के द्वारा घर पहुंच रहा है। घातक केमिकल का उपयोग कर फल पकाने वालों के खिलाफ अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। फलों को केमिकल से न पकाने का आदेश देकर ही विभाग शांत हो गया है। मार्केट में जो फल मिल रहा है, उसमें 60 प्रतिशत फल खतरनाक केमिकल से (cg news) पकाए जा रहे हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग होने के बावजूद प्रशासन की नाक के नीचे फलों को जल्दी पकाने का काम खुलेआम चल रहा है। शहर में फल के थोक बाजारों से चिल्हर विक्रेताओं को फल आपूर्ति की जाती है। शहर में चल रहे 1500 से अधिक ठेलों से भी फल बिकता है।
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1964 से प्रतिबंधित फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डड्र्स रेगुलेशन के मुताबिक कैल्शियम काबाईड नामक केमिकल 1964 से ही प्रतिबंधित है, लेकिन नियमों का पालन नहीं हो रहा और अब भी ये खतरनाक केमिकल फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि, आईपीसी (raipur news) की धारा 272 और 273 के तहत खाने में मिलावट करने पर अधिकतम 6 माह की सजा और 1 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। ऐसे पहचानें केमिकल से पके फल ऐसे फल व सब्जियां चुनें, जिन पर कोई दाग-धब्बा न हो। हमेशा फल और सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें। सब्जियों और फलों का छिलका निकालकर इस्तेमाल करने से केमिकल्स का असर कम होता है। जो भी आम कृत्रिम तरीके से पका होगा, उसमें पीले और हरे रंग के पैचेज होंगे, यानि पीले रंग के बीच-बीच में हरा रंग भी दिखेगा। जबकि प्राकृतिक तौर पर पका हुआ आम पीला या हरा ही होगा। हमेशा मौसमी फलों और सब्जियों को ही चुनें, अगर मौसम से पहले के फल या सब्जियां मिल रहे हों, तो उन्हें न खरीदें।
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चीन से आता है एथलीन पाउडर खतरनाक पाउडर एथलीन राइपनर से आम और अन्य फल पका रहे हैं। पैकेट पर साफ चेतावनी अंकित है कि खाद्य पदार्थ के साथ पाउडर के संपर्क में आने पर इंसानी स्वास्थ्य पर जानलेवा असर डाल सकता है। एथलीन राइपनर पाउडर खुले बाजार में नहीं मिलता। इसे अब ऑनलाइन मार्केट से मंगाया जा रहा है।लिवर व याददाश्त पर डालता है असर कार्बाइड में काफी गर्मी होती है, इसके उपयोग से शरीर के अंगों पर प्रभाव पड़ सकता है। पेट संबंधी समस्याएं किडनी, एलर्जी व त्वचा संबंधी रोग पैदा हो सकते हैं। कार्बाइड का इस्तेमाल कैंसर जैसे रोगों की वजह भी बन जाता है। इसलिए इसके उपयोग से बचना चाहिए।
केमिकल से पके फलों का उपयोग करने के बाद फूड पॉइजङ्क्षनग के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे फल खाने से स्वास्थ्य पर धीरे-धीरे दुष्प्रभाव (cg news) पड़ता है। केमिकल लिवर और याददाश्त पर असर डालने के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं। फलों से मिलने वाले पोषक तत्व भी खत्म कर देते हैं।
– डॉ.मनोज लाहोटी, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट
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