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दुष्यंत कुमार ने आगे कहा कि ऐसे समय में देश हित को सर्वोपरि मानते हुए डॉ. मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर जनसंघ की आधारशिला रखी। बलिदान दिवस के मौके पर भाजपा के पंचनिष्ठा के प्रतीक स्वरूप 5 पौधों का रोपण किया गया। इसके पहले बलिदान दिवस शारदा चौक स्थित डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर विधायक बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, अमित साहू, सुभाष तिवारी, छगन मून्दड़ा, रसिक परमार, डॉक्टर सलीम राज, केदार गुप्ता, किशोर महानंद, सच्चिदानंद उपासने, दीपक महसके, सुरेंद्र पाटनी, मीनल चौबे, अंजय शुक्ला, अनुराग अग्रवाल ने शामिल हुए।यह भी पढ़ें: आयकर विभाग को लोहा कारोबारी के घर से मिली इतनी ब्लैकमनी, नोटों को गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी
तब एक विचारधारा के लोग शासन कर रहे थे- डॉ. रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि आजादी के बाद एक विचारधारा के लोग राष्ट्र पर शासन कर रहे थे। तब विकल्प की राजनीति का बीजारोपण डॉ. मुखर्जी ने किया। एक अद्भुत व्यक्तित्व जिन्होंने 34 साल की उम्र में उपकुलपति के पद को कलकत्ता जैसे शहर में शुशोभित किया।