ईडी ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया था कि 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है। इसमें निरंजन दास के संलिप्ता के इनपुट मिले है। (cg hindi news) उन्हें जमानत देने पर वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं। (cg news) वहीं बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि उनके पक्षकार के खिलाफ 120 बी का कोई केस नहीं बनता है।
छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति अप्रैल 2019 में लागू हुई थी। जबकि उनके पक्षकार ने मई 2019 में आबकारी सचिव और आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी। (cg raipur news) उनके पास शराब की खरीदी बिक्री की जिम्मेदारी नहीं थी। वे केवल प्रशासनिक कामकाज देखते थे। जमानत देने पर वह जांच में सहयोग करेंगे और बिना सूचना देश से बाहर नहीं जाएंगे। (raipur news) पीएमएलए एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि वह बीमार है। विशेष न्यायधीश ने ईडी और बचाव पक्ष की दो दिन दलील सुनने के बाद अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया। (liquor scam) जमानत आवेदन के खारिज होने के बाद निरंजन दास को ईडी कभी भी पूछताछ के लिए बुलवा सकती है।