Chhattisgarh: CM की मां की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, भूपेश बघेल का दिल्ली दौरा टला मंतूराम ने मीडिया से बातचीत में अंतागढ़ टेपकांड की जांच के लिए गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम पर सवाल उठाए। मंतूराम ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, प्रदेश की कांग्रेस सरकार पिछले छह महीने से एसआईटी पर एसआईटी गठित कर रही है, इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है, वो प्रताड़ित करना चाहती है।
बतादें कि एसआईटी ने अंतागढ़ टेपकांड जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, मंतूराम पवार, पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता को वाइस सैंपल देने के लिए अलग-अलग तिथि में राजधानी गंज थाना परिसर स्थित साइबर कंट्रोल रूम में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है। एसआईटी ने पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी नायक की शिकायत का हवाला देकर मंतूराम पवार को 24 जून को, अमित जोगी को 25 को, अजीत जोगी को 26 को और पुनीत गुप्ता को 27 जून को उपस्थित होने को कहा है।
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साइबर विशेषज्ञों की टीम उपस्थिति दर्ज कराने वाले सभी लोगों का वाइस सैंपल लेगी। इसे रिकॉर्ड करने के बाद जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। मालूम हो कि अंतागढ़ टेपकांड को फिरोज सिद्दीकी ने उजागर किया था। वह इस मामले में मुख्य गवाह भी है और उन्होंने सारे साक्ष्य एसआईटी को सौंप दिए हैं।
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अंतागढ़ टेपकांड को उजागर करने वाले फिरोज सिद्दीकी का अदालत में धारा 164 के तहत बयान कराया जाना था, लेकिन चार महीने बाद भी ऐसा नहीं हो सका है। जबकि इस मामले के एक अन्य गवाह अमीन मेमन का मजिस्ट्रेट के समक्ष बंद कमरे बयान कराया गया था।
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