इस समय हर दिन 32 टैंकर निगम द्वारा दौड़ाए जा रहे हैं। जब तक टैंकर नहीं, तब तक घरों के बर्तन खनखनाते रहते हैं। ऐसी कई तस्वीरें परेशानी बयां करने वाली मंगलवार को कैमरे में कैद की गई। पिछले तीन-चार सालों से शहर के लोगों को बिना किसी परेशानी पीने का शुद्ध पानी मिले, इसके लिए निगम का जल विभाग, स्मार्ट सिटी कंपनी और अमृत मिशन के माध्यम से व्यवस्था दुरुस्त कराने के दावे किए गए। करीब 500 करोड़ रुपए पेयजल आपूर्ति के लिए खर्च किए।
अमृत मिशन का काम दो चरणों में हुआ। 22 बड़ी कमांड एरिया में पाइप लाइन बिछाने और नल कलेक्शन के बावजूद भी आखिरकार लोगों को टैंकर आने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस पर निगम में भाजपा के 31 पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया।
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फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ी और टंकी भी 43 शहर की 16 लाख आबादी को देखते हुए इस दौरान फिल्टर प्लांट की क्षमता 80 एमएलडी बढ़ाई गई। 17 पुरानी और 14 नई मिलाकर लाखों लीटर क्षमता वाली 43 टंकियां हैं। इसके बावजूद शहर के लोगों को नलों से जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल रहा है। वाल्व खराब और लीकेज की समस्या आम पानी की डिमांड बढ़ने के साथ ही वाल्व खराब होना और पाइप फूटना आम हो गया है। शहर के कई हिस्सों में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर सुधारने का काम चलता है। इससे जलापूर्ति काफी प्रभावित होती है। अभी हाल में ही आम्बेडकर चौक में मेन पाइप फूटने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हुआ। आश्रम चौक में प्रेशर जांचने में तीन दिन लग गए। मोतीबाग रोड और महिला थाना चौक के पास दो से तीन बार खुदाई की गई। निगम का जलकार्य विभाग वाल्व खराबी और लीकेज को दुरुस्त नहीं कर पाया है।
ईदगाहभाठा और गंज मंडी टंकी के पाइप में उलझन अमृत मिशन योजना की कई नई टंकियों की पाइप लाइनों से जलापूर्ति हो रही है, परंतु जिन टंकियों से नई और पुरानी पाइप लाइनों का लोचा है, वहां कई मोहल्लों और कॉलोनियों में कम प्रेशर में पानी आने की समस्या है। अधिकारियों का तर्क है कि पुरानी लाइनें कहां से कहां जुड़ी हुई है, यह पता ही चल पाता है। इसलिए उसे अभी डिस्कनेक्ट नहीं कर रहे हैं। इनमें से ईदगाहभाठा और गंज मंडी पानी टंकी से समता-चौबे कॉलोनी का आधा क्षेत्र, बजरंगनगर, रामकुंड, हांडीपारा, आजाद चौक के पास के मोहल्लों में दिक्कतें हैं।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी पानी की खपत ज्यादा होने से दिक्कतें आ रही है। पिछले साल जून महीने में हर दिन 50 टैंकरों से सप्लाई कराई जाती थी, उसकी अपेक्षा इस बार सिर्फ 32 टैंकर चल रहे हैं। जलापूर्ति में काफी सुधार हुआ है। जहां दिक्कतें आ रही हैं, वहां ठीक कराया जा रहा है। – बीएल चंद्राकर, कार्यपालन अभियंता, जलकार्य विभाग निगम अमृत मिशन योजना की सभी 22 कमांड एरिया से जलापूर्ति हो रही है। 16 टंकियां जलकार्य विभाग के हैंडओवर की जा चुकी हैं। पुरानी और नई पाइप लाइन से सप्लाई वाले क्षेत्रों में कम प्रेशर की दिक्कतें हैं, उसे ठीक करने का काम तेजी से चल रहा है।
– अंशुल शर्मा, कार्यपालन अभियंता, अमृत मिशन योजना
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