Amit Shah In Chhattisgarh : आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। वे 22 फरवरी को कोंडागांव में बस्तर, कांकेर और महासमुंद लोकसभा सीट जीतने की रणनीति पर मंथन करेंगे और जांजगीर-चांपा में आम जनता के बीच जनसमुदाय को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार का विजन रखेंगे। वहीं शाह को दिल्ली जल्दी जाना है, इसलिए उनका बिलासपुर दौरा रद्द कर दिया है। यहां वे बुद्धिजीवियों के सम्मेलन को संबोधित करने वाले थे।
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केंद्रीय मंत्री अमित शाह को भाजपा का अहम रणनीतिकार माना जाता है। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के पीछे अमित शाह की चुनावी रणनीति काफी महत्वपूर्ण साबित हुई थी। वो अक्सर रात्रि विश्राम के लिए रायपुर आते थे और बड़े नेताओं के साथ चुनाव व उससे जुड़े अन्य मसलों पर चर्चा करते थे। इसमें टिकट वितरण की बात हो या फिर प्रचार से पहले और घोषणापत्र व आरोप पत्र बनाने की रणनीति शाह के ईदगिर्द ही रही है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 11 सीटों को जीतने के लिए शाह ने एक बार फिर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बस्तर और कोरबा सीट में हार का सामना करना पड़ा था। बस्तर में 20 साल बाद कांग्रेस को लोकसभा की सीट मिली थीं। वहीं वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा केवल दंतेवाड़ा विधानसभा की सीट जीत सकी थी। भीमा मंडावी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट भी कांग्रेस के खाते में चली गई थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बस्तर की आठ विधानसभा सीटों में से केवल जगदलपुर और दंतेवाड़ा में ही भाजपा को बढ़त मिली थी। यह चुनाव दीपक बैज ने 38 हजार 982 वोटों से जीता था। इसके बाद वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना प्रदर्शन सुधार लिया।
इस बार भाजपा से आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री बनाया गया है। बस्तर में विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं पिछले कुछ समय से नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि भाजपा की ओर से आदिवासी वर्ग के लिए किए गए वादों पर कोई पहल शुरू नहीं हुई है।
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जांजगीर-चांपा में किसान बहुल इलाका है। इसका असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। यहां जांजगीर-चांपा जिले में भाजपा पूरी तरह से साफ हो गई। जांजगीर-चांपा लोकसभा में आठ विधानसभा सीटें आती है। वर्तमान में यहां की सभी विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं।
ऐसे में भाजपा के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे को लोकसभा चुनाव में पलटने की रणनीति के साथ जांजगीर-चांपा में अमित शाह की सभा रखी गई है। दरअसल, सक्ती से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकली थी। यानी राहुल सीधे जनता के बीच पहुंचे थे। अब उसका जवाब देने के लिए भाजपा ने यहां शाह की सभा रखी है। बता दें कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के गुहाराम अजगले ने 83 हजार 225 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्हें कसडोल और सक्ती विधानसभा सीट में कम वोट मिले थे। इसके अलावा जैजैपुर में भी कांटे की टक्कर थी।
भाजपा ने किसानों को दो साल के बकाया बोनस का भुगतान किया है। इससे किसानों में भाजपा के प्रति विश्वास जगा है। हालांकि बजट में राशि रखने के बाद भी किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अंतर की राशि नहीं मिली है।