AIIMS Hospital: निजी अस्पताल रेफर करने का हवाला देकर नहीं की कोई कार्रवाई
महादेवघाट निवासी 52 वर्षीय धरम साहू को 3 सितंबर को इमरजेंसी विभाग से अग्रवाल
अस्पताल रेफर कर दिया गया था। मरीज न्यूरो संबंधी बीमारी के इलाज के लिए एस में भर्ती था। इस मामले में एस प्रशासन ने गलती तो स्वीकारी, लेकिन जूनियर रेसीडेंट द्वारा अनजाने में मरीज को निजी अस्पताल रेफर करने का हवाला देकर कोई कार्रवाई नहीं की।
सर्कुलर जारी कर सभी को एक तरह से किया गया अलर्ट
हां, इतना जरूर है कि मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने एक सर्कुलर जारी कर सभी को एक तरह से अलर्ट किया गया है। ऑर्डर की कॉपी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर से लेकर डीडीए, सभी डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट, एचओडी, फैकल्टी व रेसीडेंट डॉक्टर यानी पीजी छात्रों को भेजी गई है। परिजनों ने मरीज को 2 सितंबर को भर्ती कराया था और 3 सितंबर की सुबह बेड खाली नहीं होने का हवाला देकर मरीज को निजी अस्पताल रेफर किया गया था। गौर करने वाली बात ये है कि मरीज को रेफर करने के पहले परिजनों के पास निजी अस्पताल के व्यक्ति का फोन भी आ गया था, लेकिन परिजनों ने मरीज को अग्रवाल अस्पताल के बजाय दूसरे अस्पताल लेकर चले गए।
निजी मेडिकल स्टोर में लगी रहती है भीड़
एस के पास कई
मेडिकल स्टोर खुल गए हैं। इसमें एस की ओपीडी या वार्ड में इलाज करवा रहे मरीज देखे जा सकते हैं। डॉ. राजगुरू ने आदेश में कहा है कि मरीज के डॉक्टर ऐसी कोई भी दवा न लिखे, जो बाहर मेडिकल स्टोर में मिलते हों। कहने का मतलब ये है कि मरीजों के लिए जेनेरिक दवा लिखी जाए, जो अस्पताल कैंपस में मिल जाए। ब्लड की जांच भी वही लिखी जाए, जो एस के लैब में होती हो।
आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई
AIIMS Hospital: मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने आदेश में कहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस प्रोटोकाल का सभी को पालन करने को कहा गया है। ताकि एस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का रेपुटेशन खराब न हो। अब देखने वाली बात होगी कि इस आदेश का कहां तक, कितना पालन होता है।