ट्रामा सेंटर का निरीक्षण करने के बाद मंत्री इस बात से संतुष्ट नजर आए कि वहां मरीजों के इलाज के लिए जूनियर डॉक्टर थे। इसके बाद बच्चों की पीआईसीयू का निरीक्षण किया। डिस्मेंटल हॉस्टल की तरफ भी गए, जहां झाड़ी उग चुकी हैं। उन्हें मौके से पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को कॉल कर रास्ता ठीक करने के कहा। फिर इंटर्न हॉस्टल गए, जहां अभी पीजी छात्र रहते हैं। मंत्री आंबेडकर अस्पताल का निरीक्षण करने बाद जिला अस्पताल पंडरी और कालीबाड़ी मातृ शिशु अस्पताल भी गए।
छात्रों और सुरक्षा गार्ड से भी बात
छात्रों से उन्होंने समस्याओं के बारे में जानकारी ली। सुरक्षा गार्ड से भी बात की। मंत्री के साथ सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संतोष सोनकर मौके पर थे। वे कॉलेज कैंपस के आवास में रहते हैं। इसलिए मंत्री ने उन्हें कॉल कर बुलाया था।
आंबेडकर प्रदेश का 1252 बेड का सबसे बड़ा अस्पताल
- – सुरक्षा के लिए महज 100 गार्ड ही तैनात।
- – वार्डों व आईसीयू में कोई भी बेधड़क जा सकता है
- – रात में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत, जो अभी नहीं है
- – खासकर ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी व हॉस्टल की ओर
महिला डॉक्टर जताई थी कोलकाता की तरह जताया खतरे की आशंका
काेलकाता में 9 अगस्त की घटना के बाद 11 अगस्त को महिला असिस्टेंट प्रोफेसर ने यहां भी रात में खतरे की बात लिखी थी। पीजी करने के दौरान महिला डॉक्टर ने जो महसूस किया, उसमें लिखा कि खासकर रात में ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी विभाग व होस्टल से मर्चुरी होते अस्पताल का रास्ता खतरनाक है। बाहरी शराबी यहां परिसर में मौजूद रहते हैं, जिससे कभी भी अनहोनी हो सकती है। रेडियोलॉजी एकदम सूना रहता है, जहां कोई गार्ड भी नहीं रहता। यही नहीं पूरे अस्पताल परिसर में रात के दौरान गार्ड नजर नहीं आते।