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इसमें ईओडब्ल्यू (EOW) द्वारा छापेमारी के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1बी) 13(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने का हवाला देते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा (आचरण) के खिलाफ माना गया है। बता दें कि जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इस समय वह निदेशक राज्य पुलिस अकादमी के पद पर पदस्थ थे।यह भी पढ़ें: एडीजी जीपी सिंह की डायरी में दबंग आईपीएस और रसूखदारों के नाम
बता दें कि एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने एडीजी सिंह के निवास पर छापा मारा था। यह कार्रवाई करीब 64 घंटे तक चली थी। इस दौरान 10 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। इस छापे की जद में एडीजी सिंह के करीबी लोग भी आए हैं।