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ये है मामला
मामला कुछ इस तरह है कि आकाशवाणी में कार्यरत टेक्निशियन को भोपाल से अनजान नम्बर से कॉल आया जिसमें कॉलर ने कहा कि वह भोपाल में रहता है और 15 साल पूर्व वह साथ में कार्यरत थे। कुछ देर बात करने के बाद उसने कहा कि मेरे घर के सदस्य बीमार हैं और उनकी हालत खराब है। मेरे खाते से अस्पताल के क्यूआर कोड खाते में पैसा ट्रांसफर नहीं हो रहा है। पीड़ित ने बताया कि मुझे विश्वास में लेकर पैसा डालने के लिए ठग ने उसकी पत्नी का मोबाइल नंबर का क्यूआर कोड भेजा। जिसमें मैंने 49999 रुपए, 40,000 और 9999 रुपए डाल दिए। बाद में उसने पैसा वापस करने के नाम पर मुझसे मेरा एसबीआई बैंक खाते नंबर मांगा।एसबीआई का खाता नंबर दिया, पैसे कटे कोटक से
उनको एसबीआई खाता नंबर देने के बाद मेरे मोबाइल में ओटीपी आया। उनके द्वारा ओटीपी का नंबर मांगा गया और मेरे खाते से 2.50 लाख, 4 लाख, और 50 हजार रुपए गायब हो गए। इस तरह शातिर ठग ने कुल 7 लाख 99 हजार 998 रुपए की ठगी की।तत्काल पहुंचे पुलिस के पास तो मिली रकम
अपने मोबाइल में ओटीपी बताते ही लगातार राशि आहरण होते ही वह अपने साथ ठगी होने का अहसास हो गया। उन्होंने तत्काल बोधघाट पुलिस और साइबर पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल संबंधित के कोटेक बैंक अकाउन्ट को होल्ड करा दिया। इसके बाद एक महीने के भीतर पूरी राशि वापस मिल गई।पीड़ित ने पत्रिका के रक्षा कवच अभियान को सराहा
पीड़ित ने कहा कि वह पत्रिका में लगातार प्रकाशित साइबर जागरूकता से संबंधित खबरे पढ़ते रहते हैं। यही वजह है कि वह ठगी का शिकार होने के बाद बिना देर किए पुलिस के पाए गए। पत्रिका अखबार आम जनता को इस विषय पर जागरूक कर रहा है जो कि बेहद सराहनीय है। बिलासपुर. पार्ट टाइम जॉब के लालच में मुंगेली निवासी एक युवक ने साइबर ठग को किस्तों में 66571 रुपए दे दिए। इस बीच जब उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने तत्काल साइबर क्राइम के ऑनलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई, जिससे 46 हजार 571 रुपए होल्ड हो गए। दाऊपारा मुंगेली निवासी 27 वर्षीय युवक के टेलीग्राम पर एक मैसेज आया कि ऑनलाइन जॉब कर घर बैठे हजारों रुपए कमाएं।
युवक इस मैसेज के झांसे में आ गया। उसने ’ओके’ मैसेज भेजा। इस पर उसे मैसेज किया गया कि ’हम आपको टास्क देते जाएंगे, उसे पूरा करें और रुपए कमाएं।’ युवक ने तीन टॉस्क पूरे किए और हर टॉस्क पर 500-500 रुपए मिले। इसके बाद वह छोटी-छोटी रकम लगाता गया और उसे रुपए मिलते गए। इससे उसका लालच बढ़ गया। युवक ने 8 से 10 किस्तों में 66,571 रुपए ऑनलाइन भेज कर दिए। विड्रॉल की बात पर उससे कहा गया कि 1 लाख रुपए और लगाओ तो अच्छी खासी रकम मिलेगी। इस पर ने इनकार कर दिया। इस पर उसे मैसेज आया कि ऐसा नहीं होगा, रुपए नहीं लगाने पर सारे पैसे डूब जाएंगे।’ इतना सुनते ही युवक को समझ में आ गया था कि उसके साथ ही ठगी हो गई है।