छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की, वे सीएम के आश्वासन से आश्वास्त हैं। इसलिए इन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया। मगर, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने 1 नवंबर को रायपुर जिले और 2-3 नवंबर को प्रदेशभर के जिला मुख्यालय में प्रदर्शन का ऐलान किया है।
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स्पष्ट है कि कर्मचारियों के संगठन ही आपस में एकमत नहीं है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द हमारे हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। तो वहीं शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है।
हम प्रदर्शन करेंगे। उधर, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 2-3 नवंबर को मांगों के समर्थन में आकस्मिक अवकाश का ऐलान कर दिया। सूत्रों की मानें तो ये संगठन एक-दूसरे के विरोधी हैं। अब देखना यह है कि सरकार क्या निर्णय लेती है और कब तक लेती है।