वर्ष 2018 में 2.63 वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) वाले छत्तीसगढ़ की एपीआई 2022 में घटकर 0.92 पर आ गई है। महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवें चरण में स्वास्थ्य विभाग के 1959 सर्वे दलों द्वारा चारों जिलों में मलेरिया की जांच की गई। इन दलों को ग्राम स्तर, विकासखंड स्तर और जिला स्तर पर प्रशिक्षित किया गया था। गांवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में डीडीटी व जले हुए तेल का छिड़काव किया गया।
जांच में लगातार कम होते गए मरीज
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख 6 हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार, पांचवें चरण में 14 लाख 36 हजार और छठवें चरण में 34 लाख 25 हजार लोगों की मलेरिया जांच की। इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076, तीसरे चरण में 16 हजार 126, चौथे चरण में 9790, पांचवें चरण में 11 हजार 321 एवं छठवें चरण में 7180 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।