यह भी पढ़ें
कोयला घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, निखिल चंद्राकर को किया गिरफ्तार, 27 जून तक रिमांड पर
सबसे ज्यादा खाते निजी बैंकों के रायपुर पुलिस की जांच में एक बड़ी बात सामने आई है। ठगों ने ठगी की राशि अकाउंट करने में ट्रांसफर करने के लिए जिन खातों का इस्तेमाल किया है, उनमें से अधिकांश खाते प्राइवेट बैंक के हैं। इन बैंकों की जांच के दौरान पुलिस जब खाताधारकों के पते पर पहुंची तो वहां पर खाताधारक नहीं मिला। केस की जांच करने वाले अफसरों का कहना है, (cg raipur news) कि ठगों ने गलत पता बैंक में देकर सुनियोजित तरीके से खाता खुलवाया और बैंककर्मियों ने खातों की संख्या बढ़ाने के चक्कर में उसका वेरीफिकेशन नहीं किया और इसका सीधा फायदा ठगों को मिला है। यह भी पढ़ें
दर्जनों ट्रैक्टर और जेसीबी से कर रहे अवैध रेत उत्खनन, सामने आया ये वीडियो, देखें
तीन साल में 4473 से ज्यादा लोगों से ठगी तीन सालों में साइबर ठगों ने रायपुर जिले में 4473 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया और लोगों के खाते से 6 करोड़ से ज्यादा की राशि पार की है। ठगी की सूचना 24 घंटे के अंदर मिलने पर पुलिस ने 36 लाख से ज्यादा राशि को होल्ड करके बचाया है। (cg raipur news) जो शिकायतकर्ता समय पर सूचना नहीं दे पाए, उन मामलों में खातों की जांच करके साइबर ठगों के खिलाफ जांच पुलिस कर रही है। यह भी पढ़ें
महाप्रभु की रथयात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, दर्शन के लिए लगी होड़
शिकायत मिलने पर तत्काल साइबर ठगों के खिलाफ एक्शन लिया जाता है। लोगों से भी अपील है, कि जागरूक रहे ताकि इस तरह की घटनाओं से बचकर अपने पैसे बचा सके। ठग जिन खातों में राशि ट्रांसफर करते है, उन खातों को बैंक के माध्यम से ब्लॉक करवाया गया है। (chhattisgarh news) इन खातों की जांच करके ठगों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। – गिरीश तिवारी, प्रभारी, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट