पूर्व में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मुआवजा के लिए इंकार नहीं किया जाएगा
मृतक के परिजनों को रुपए 50 हजार रूपये की मुआवजा से इस आधार पर इंकार नहीं किया जाएगा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी में मृत्यु का कारण कोविड-19 के कारण मृत्यु के रूप में नहीं किया गया है। मृत्यु के प्रमाणीकरण संबंधी शिकायत होने पर पीडि़त व्यक्ति जिला स्तर पर समिति से संपर्क कर सकता है।
अस्पतालों को देना होगा दस्तावेज
जहां संक्रमित का इलाज वो अस्पताल मृतक के परिजनों के द्वारा इलाज के दस्तावेज मांगने पर उपलब्ध कराएंगे। अस्पताल द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में शिकायत निवारण समिति के माध्यम से दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे। ये वही दस्तावेज हैं जिनसे मृत्यु का कारण कोविड-19 से होना पता चले।
आत्महत्या करने वाले संक्रमित के परिजनों को भी मिलेगा मुआवजा
कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के 30 दिनों के भीतर यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है। उस स्थिति में भी परिवार के सदस्य को रुपए 50 हजार रूपए मुआवजा दिया जाएगा। मृतक के परिवार के सदस्य को मुआवजा प्राप्त नहीं होने के संबंध में यदि कोई शिकायत हो। तो वह शिकायत निवारण समिति के समक्ष दर्ज करा सकेगा तथा शिकायत निवारण समिति मृत व्यक्ति के चिकित्सा उपचार संबंधी दस्तावेजों की जांच कर शिकायत मिलने के 30 दिनों के भीतर निर्णय लेगी।
पहले बने मृत्यु प्रमाण पत्र में हो सकेगा सुधार
पहले से जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र के मामले यदि मृतक के परिवार का कोई भी सदस्य मृत्यु प्रमाण-पत्र में लिखे गए मृत्यु के कारण से परेशा है। वह मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी से संपर्क करेगा। इसके बाद जांच एवं इलाज संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण करके पंजीकरण अधिकारी मृत्यु प्रमाण-पत्र को संशोधित करेगा। यदि परिवार का सदस्य पंजीकरण प्राधिकारी के आदेश से संतुष्ट न हो तो शिकायत निवारण समिति के समक्ष आवेदन दे सकते हैं। इसके बाद शिकायत निवारण समिति द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक मृत्यु प्रमाण-पत्र को संशोधित किया जाएगा।
जानिए क्या है दिशानिर्देश
– भविष्य में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु से प्रभावित परिवारों को भी मुआवजा राशि दी जाएगी।
– यदि मृतक के परिजन मुआवजे के हकदार होंगे यदि मृतक की आरटीपीसीआर/मोलिकयुलर टेस्ट/आरएटी टेस्ट पॉजिटिव पाई गई हो अथवा अस्पताल में चिकित्सक द्वारा जांच कोविड-19 होना पाया गया हो।
– जांच की तारीख से कोविड-19 निर्धारित होने के 30 दिन के भीतर होने वाली मृत्यु को कोविंड-19 के कारण होने वाली मृत्यु माना जाएगा, भले ही मृत्यु अस्पताल के बाहर हुई हो।
– अस्पताल में कोविड-19 के ऐसे मामले जिनमें मरीज 30 दिनों से अधिक समय तक भर्ती रहा और बाद में उसकी मृत्यु हो गई, उन्हें भी कोविड-19 से मृत्यु माना जाएगा।
– कोविड-19 के ऐसे मामले जिसमें व्यक्तियों की मृत्यु अस्पताल अथवा घर में हुई हो और जहां फॉर्म-4 एवं 4 (।) में मृत्यु के कारण का मेडिकल प्रमाण-पत्र पंजीकरण प्राधिकारी को जारी किया गया हो, उसे कोविड-19 से मृत्यु के रूप में माना जाएगा।