5 Medical College In Chhattisgarh : प्रदेश में जशपुर, मनेंद्रगढ़, कवर्धा, जांजगीर-चांपा और गीदम में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। ये कॉलेज अगले साल शुरू होने की संभावना है। प्रत्येक कॉलेज में एमबीबीएस की 50-50 सीटें होंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व जरूरी सुविधाओं को अंतिम रूप देने के लिए 4 सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम को रिपोर्ट जल्द देने को कहा गया है।
प्रदेश में पिछले साल कवर्धा, मनेंद्रगढ़, जांजगीर-चांपा व गीदम में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की जा चुकी है। केंद्र सरकार इसके लिए फंड दे सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी थी, लेकिन अभी फंड के बार में कोई निर्णय नहीं हुआ है। चारों जगहों पर मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग के लिए जमीन फाइनल कर ली गई है। वहीं जशपुर में नया मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। ये मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का गृह जिला है। राज्य बजट में कुनकुरी में 220 बेड के अस्पताल की घोषणा को नए मेडिकल कॉलेज से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल एमबीबीएस की 50 सीटों के लिए 220 बेड का अस्पताल चाहिए। जशपुर में पहले ही जिला अस्पताल चल रहा है। ऐसे में वहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था हो जाएगी। बाकी चारों स्थानों पर भी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जाएगा। जब मेडिकल कॉलेज शुरू होता है, तब जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया जाता है। ताकि फौरी तौर पर अस्पताल की समस्या को दूर किया जा सके। ओपीडी में रोजाना 400 मरीजों का इलाज होना चाहिए। पांचों स्थानों पर ओपीडी की पड़ताल की जाएगी।
एक मेडिकल कॉलेज में 600 करोड़ खर्च एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने में 600 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होता है। कोरबा, कांकेर व महासमुंद जैसे नए मेडिकल कॉलेज केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बनने जा रहे हैं। ये कॉलेज शुरू तो हो गए हैं, लेकिन नई बिल्डिंग नहीं बनी है। इस योजना के तहत 60 फीसदी फंड केंद्र सरकार व बाकी राज्य सरकार देती है।
चूंकि जशपुर में नए मेडिकल कॉलेज अभी खोलने का निर्णय लिया गया है इसलिए पूरा फंड राज्य सरकार को वहन करना पड़ सकता है। कॉलेज के लिए हाई पावर कमेटी पहले ही बना दी गई थी। कलेक्टर से मिलकर कमेटी ने जमीन की तलाश भी शुरू कर दी है।
वैकल्पिक भवन से लेकर हॉस्टल व स्टाफ क्वार्टर नए कॉलेज के लिए जगदलपुर व अंबिकापुर मेडिकल काॅलेज के डीन के अलावा अंबिकापुर के अस्पताल अधीक्षक व नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में फिजियोलॉजी के एचओडी की कमेटी बनाई गई है। कमेटी को मेडिकल कॉलेज के वैकल्पिक भवन के अलावा हॉस्टल व स्टाफ क्वार्टर भी तय करना होगा। अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर, स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी भी देनी होगी, ताकि नेशनल मेडिकल कमीशन के मापदंडों के अनुसार कॉलेज खोलने में आसानी हो। माइनर व मेजर ओटी की भी जरूरत पड़ेगी।
220 बेड इस तरह होंगे विभिन्न विभागों में विभाग बेड जनरल मेडिसिन 50 जनरल सर्जरी 50 पीडियाट्रिक 25 ऑर्थोपीडिक्स 20 ऑब्स एंड गायनी 25 आईसीयू 20 ऑप्थेलमोलॉजी 10
ईएनटी 10 स्किन 05 साइकेट्री 05 कुल 220 बेड मनेंद्रगढ़, कवर्धा, जांजगीर-चांपा व गीदम में मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग के लिए जमीन की तलाश कर ली गई है। जशपुर में भी यह लगभग फाइनल है। कमेटी को पूरी जानकारी सबमिट करने को कहा गया है। नए कॉलेज खुलने से छात्रों के साथ प्रदेश के लोगों को फायदा होगा।
– डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई