38 किसानों का समूह इस जमीन पर सब्जी-फूल की खेती कर रहे हैं, लेकिन 4 सितंबर को जब कुछ लोगों को सड़क के किनारे व खेत के मेड़ पर खड़े होकर नाप-जोख करते देखा तो पता चला कि खेत बिक चुका है। जब उन्होंने नाप कर रहे लोगों से पूछा तो उन लोगों ने बताया कि हमारे मालिक ने हमें खेत का नाप करने भेजा है।
1987-1988 से मिली थी दान पर 1987-88 के करीब गांव के कुछ लोगों ने चारागाह के लिए जमीन दान की थी, जिसे भूमिहीन किसानों ने पंचायत से मांग करके खेती शुरू की। 2009-10 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में भी इन खेतों को शामिल किया गया।
यहां खेती की तारीफ पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी ने की थी। यहां आकर उन्होंने सभी किसानों का टैक्स माफ किया था। कुछ असामाजिक तत्व खेल कर रहे हैं। – विशंभर सोनकर, किसान 30-35 वर्षों से खेत में अपना पूरा परिवार का पाला है हमें अगर कोई यहां से हटाएगा तो हम हटने वाले नहीं। – भोलाराम सोनकर, किसान
कुछ लोग यहां पर जमीन का नाप करने आए थे, लेकिन ये जमीन इन लोगों को ग्राम पंचायत से मिली है। जल्द ही सीएम से चर्चा करने जाएंगे। – सतनाम पनाग, पार्षद पूर्व महापौर ने यहां पर भवन बनाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन हमने उस समय मुलाकात कर अपनी समस्या बताई तो उन्होंने प्रस्ताव वापस ले लिया था। – शांताराम सोनकर, किसान
हम लोग पूरे परिवार के साथ यहीं खेत में रहते हैं और खेती करते हैं। इसके अलावा हमारे पास कुछ नहीं है। – गिरधारी सोनकर, किसान