टिकट पर रहेगी नजर: रेलवे विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह ठहराव प्रायोगिक तौर पर छह माह के लिए दिया गया है। इस दौरान स्टेशन पर टिकटों की बिक्री पर कड़ी नजर रखी जाएगी और निरंतर समीक्षा भी होगी। इसके साथ ही पांच माह के भीतर बोर्ड को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद भी बोर्ड द्वारा तय किया जाएगा कि इन ट्रेनों की ठहराव बढ़ाया जाना या नहीं।