बुधवार को 1965 लोगों में वायरस की पहचान हुई, जबकि 2011 मरीजों ने कोरोना को मात दी। 5 मरीजों ने इलाज के दौरान दमतोड़ दिया। मृतकों की संख्या 1886 जा पहुंची है। मौत के बढ़ते आंकड़ों पर अंकुश नहीं लग रहा, हालांकि अधिकांश मौतें बैक डेट (पिछले दिनों/पिछले महीनों) की होती हैं जो मौजूदा दिन में जोड़ दी जाती हैं।
अगले 4 माह की चुनौती: प्रदूषण से अस्थमा, ठंड से हृदयरोग और इस साल कोरोना महामारी है सब पर भारी
‘पत्रिका’ ने 1 अक्टूबर सबसे पहले यह खुलासा किया था कि जिले मौतों की जानकारी छिपा रहे हैं। 22 अक्टूबर को बताया कि 405 मौतों की एंट्री बैक डेट पर की गई। जिसके बाद धीरे-धीरे कर रोजाना मौत की पुरानी संख्या आंकड़ों में जोड़ी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि जिलों के पास अभी भी 110 से अधिक मौतों की जानकारी है, मगर आंकड़े धीरे-धीरे कर जारी करने के निर्देश ऊपर से हैं।
रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बस 4 प्रतिशत कम-
राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीजों की दर (रिकवरी रेट) 90.85 प्रतिशत है। जबकि राज्य का रिकवरी रेट बढ़ते हुए 86.88 प्रतिशत जा पहुंचा है, जो 12 अक्टूबर को 45.3 प्रतिशत था। देश के रिकवरी रेट से हमारे राज्य का रिकवरी रेट सिर्फ 4 प्रतिशत कम है। मगर, मृत्युदर1.05 प्रतिशत जा पहुंची है।