54 दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। सितंबर 2022 ऑनलाइन क्लोजिंग स्टाॅक के दौरान राशन कम होने का खुलासा हुआ था। कोरोना के दौरान राशन दुकानों में ज्यादा गड़बड़ी की बात सामने आई थी। राजस्व विभाग द्वारा 86 सौ क्विंटल चावल के लिए आरसीसी जारी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि तकरीबन 3 हजार क्विंटल चावल की वसूली प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
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प्रदेश भर में 1.5 लाख टन चावल और 3100 मीट्रिक टन शक्कर का हुआ भराव
प्रदेश की राशन दुकानों से 254 करोड़ रुपए के 6.18 लाख मीट्रिक टन चावल सहित 8100 मीट्रिक टन शक्कर घोटाला पूरे प्रदेश में हुआ था। उन राशन दुकानों से गायब हुआ 1.5 लाख टन चावल और 3100 मीट्रिक टन शक्कर की भरपाई कर दी गई है। ऐसा विभाग का दावा है। अब खाद्यान्न उन्हीं दुकानों में भर दिया गया, जहां से कालाबाजारी की गई थी। शासन ने खाद्यान्न की प्रतिपूर्ति कर ली है। जबकि, बिना शासन आदेश के खुले बाजार से चावल और शक्कर खरीद कर राशन दुकानों में रखवा दिया गया है। साथ ही इंस्पेक्टर मॉड्यूल में इसकी एंट्री करा दी गई है। चौंकाने वाली बात ये भी है कि राशन दुकानों द्वारा 1.5 लाख टन चावल और 3100 मीट्रिक टन शक्कर खरीद कर दुकानों में भर दिया गया।
पत्रिका ने किया था खुलासा सरकारी रेकार्ड के मुताबिक चोरी हुआ खाद्यान्न दुकानों में ही है। प्रदेश की राशन दुकानों से 254 करोड़ रुपए के 6.18 लाख मीट्रिक टन चावल सहित 8100 मीट्रिक टन शक्कर 5 हजार से अधिक राशन दुकानों से कालाबाजारी हुई थी। पत्रिका ने मामले को उठाया तो इसकी जांच शुरू हुई।
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बिना गुणवत्ता जांचे खाद्यान्न भरने का नियम नहीं विभाग के नियमानुसार राशन दुकानों में केवल नागरिक आपूर्ति निगम (नान) ही एफसीआई से शक्कर और राइस मिल से अपने क्वालिटी एक्सपर्ट से चावल फाइनल कर भेज सकता है। इसका भौतिक सत्यापन हर राशन दुकान की निगरानी समिति द्वारा किया जाता है। राशन दुकानों से गायब हुए चावल और शक्कर को वसूलने के लिए संचालनालय स्तर पर प्रतिपूर्ति का खेल करवा दिया गया है।
राशन दुकानों से वसूली की कार्रवाई चल रही है। राजस्व विभाग द्वारा आरसीसी भी जारी की गई है। प्रयास किया जा रहा है कि सभी दुकानों से वसूली प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।”
– कैलाश थारवानी, खाद्य नियंत्रक रायपुर
– कैलाश थारवानी, खाद्य नियंत्रक रायपुर