12 एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद हो गई 17 एकड़, रेकॉर्ड में अभी भी निजी
CG Raipur News : अभी तक यही बात मानी जाती थी कि जमीन न तो घटती है ना ही बढ़ती है, लेकिन राजधानी में अनोखा मामला सामने आया है। रोड-1 की 12 एकड़ अधिग्रहित जमीन का रकबा 5 एकड़ बढ़कर 17 एकड़ हो गया है। (cg news) अधिग्रहित भूमि का अधिकांश हिस्सा अब भी निजी नाम पर दर्ज है।
राजस्व रेकॉर्ड में रिंग रोड-1 की पूरी जमीन दर्ज नहींराजस्व विभाग की जांच में खुलासा हुआ है। रोड में भाठागांव से लेकर रायपुरा तक की जमीन का कुल रकबा जो कि अधिग्रहण के दौरान 32 एकड़ 78 डिस्मिल था। वह अब बढकऱ 37.48 एकड़ के करीब जा पहुंचा है। (raipur news) वहीं, कागज में ही नहीं बल्कि मौके पर भी जमीन बढ़ी हुई दिखाई जा रही है। इसकी शिकायत के बाद भी दुरुस्तीकरण नहीं किया जा रहा है।
रोड नंबर-1 भी निजी भू स्वामियों के नाम से ही दर्ज है। तकरीबन 57 साल बाद भी ङ्क्षरग रोड के लिए अधिग्रहित की गई पूरी जमीन अब भी ऑनलाइन रेकॉर्ड में निजी भू स्वामियों के नाम से दर्ज है। (cg hindi news) मामले की शिकायत के बाद भी शतप्रतिशत रेकार्ड का दुरुस्तीकरण नहीं हो पाया है। ङ्क्षरग रोड-1 के किनारे से लगे खसरों का 1975-76 में अधिग्रहण किया गया। उस समय इस सड़क किनारे चंगोराभाठा से लगे कुल क्षेत्र का रकबा लगभग 32.68 एकड़ था।
26 खसरों से 12 एकड़ 31 डिस्मिल जमीन का हुआ था अधिग्रहण: अधिग्रहण के दौरान लगभग 26 खसरों से 12 एकड़ 31 डिस्मिल के करीब भूमि निजी स्वामियों से ली गई, (chhattisgarh news) जिसके लिए बकायदा मुआवजा भी संबंधितों को दिया गया, लेकिन इसके 56 वर्ष बाद भी ङ्क्षरग रोड की जमीन का रकबा सरकारी रेकॉर्ड में अब तक अपडेट नहीं किया गया है। अधिग्रहित की गई जमीन अब भी निजी नामों से ही दर्ज है।
रेकॉर्ड ऑनलाइन नहीं होने का उठा रहे फायदा रोड की जमीन के कुल रकबे की जानकारी ही ऑनलाइन नहीं है। कितनी जमीन पर ङ्क्षरग रोड का निर्माण करवाया गया है। आंकड़ा भी भुईंया सॉफ्टवेयर में अपडेट नहीं है। जबकि सॉफ्टवेयर में ङ्क्षरग रोड के लिए आर-1, आर-2 की तरह ही ङ्क्षरग रोड दिखाई जा रही है, लेकिन रकबे की जानकारी नहीं है।
बिना बटांकन काट दिए टुकड़े: पटवारियों ने खसरों का बटांकन के बिना भी अलग-अलग भागों में बांटते हुए स्वामियों के नाम अपडेट किए जाते हैं, (raipur hindi news) लेकिन बिना किसी कारण का उल्लेख किए ही खसरों के टुकड़े कर दो से ज्यादा नामों से दर्ज कर दिए गए हैं।
आरआई और पटवारी को विधिवत जांच कर रेकॉर्ड ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया है। प्रक्रिया की जा रही है।
– देवेंद्र पटेल, एसडीएम, रायपुर