मामले का बुधवार को आईजी अमरेश मिश्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मार्च से सितंबर के बीच शहर और आसपास के इलाके में लगातार चोरी की घटना हो रही थी। मामले की जांच के दौरान कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले, जिसमें रात में युवक गैंती लिए घुमते हुए दिखे थे। फुटेज के अलावा टेक्नीकल जांच में बिलासपुर के सृजन उर्फ स्वराज शर्मा और मुंगेली के उमेश उपाध्याय और मोहम्मद शफीक का पता चला। तीनों को पकड़ा गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि एक नहीं आरोपियों ने अपने अन्य साथियों की मिलीभगत से रायपुर जिले में 25 चोरियों को अंजाम दिया है। आरोपियों ने एक करोड़ से अधिक का माल चुराया है। चोरी का माल अपने दोस्तों हर्ष कुमार बंजारे उर्फ गोविंदा, मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी, मेवा लाल कश्यप, हेमंत कश्यप, कमलजीत कश्यप उर्फ जीतू को देते थे। ये इन जेवरों को गलाकर बिलासपुर के सराफा कारोबारी जय कुमार सोनी, राजेश कुमार सोनी और रायपुर के भूषण कुमार देवांगन को बेच देते थे। पुलिस ने तीनों ज्वेलर्स सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनसे चोरी के करीब 20 लाख रुपए के जेवर बरामद किए गए हैं। कुछ आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
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इतना माल बरामद
गिरोह ने घरों से एक करोड़ 20 लाख के सोने-चांदी के जेवर व नकदी पार किए। आरोपियों की निशानदेही पर सोना 316 ग्राम, चांदी 2 किलो 900 ग्राम, घटना में प्रयुक्त 5 मोबाइल, 2 नग दोपहिया वाहन, लाल गैती, पेचकस आदि बरामद हुआ है। जब्त माल करीब 35 लाख रुपए की है। आउटर के घरों को निशाना बनाते थे। गिरोह का मास्टरमाइंड सृजन शर्मा है। वह बिलासपुर में चोरी के एक दर्जन मामलों में शामिल रहा है। उसने मुंगेली के उमेश और मोहम्मद शफीक के साथ मिलकर चोरी करने के लिए गिरोह बनाया। शहर के मुजगहन, विधानसभा, मंदिरहसौद और तिल्दा-नेवरा इलाके में बाइक से निकलते थे। गैंती लेकर चलते थे। जिस घर में ताला लगा मिलता था, उसमें चोरी करते थे। गैंती ताला तोड़ने, दीवार खोदने के लिए रखते थे। गिरोह रायपुर के अलावा दुर्ग, कोरबा, अंबिकापुर और बिलासपुर में भी सक्रिय था।