आरडीए के कमल विहार, बोरियाखुर्द, ट्रांसपोर्ट नगर के कई प्रोजेक्ट फायनेंस की वजह से पेंच में फंसा हुआ है। ऐसी स्थिति में अब आरडीए ने कमल विहार में करोड़ों रुपए के बकाया राशि वसूलने के लिए रिकवरी एजेंसी की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। आरडीए के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में विभाग की वित्तीय हालत बेहतर नहीं है। सेंट्रल बैंक से लोन जमा करने में भी अभी आरडीए को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विभाग के खर्चे भी मुश्किल
ऐसी स्थिति में सभी बकायादारों से बकाया वसूली कर लोन जमा करने, इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च करने और विभाग के खर्चें निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आरडीए ने इससे पहले बोरियाखुर्द व अन्य नए-पुराने आवासीय प्रोजेक्ट में रिकवरी के लिए एजेंसी नियुक्त की थी। वसूली एजेंट को आवंटितियों से चेक, ड्रॉफ्ट अथवा बैंकर्स चेक लेने का ही अधिकार दिया गया है। वसूली एजेंट आवंटितियों से किसी भी प्रकार से कोई नकद राशि नहीं लेंगे।
कमीशन देकर भी वसूली में रफ्तार नहीं : वसूली में रफ्तार लाने के लिए आरडीए ने कमीशन के आधार पर एजेंसी नियुक्ति करने की ठानी, लेकिन इसमें भी अपेक्षानुरूप सफलता नहीं मिली। बकाया वसूली पर 3 प्रतिशत कमीशन भी दिया जा रहा है। बकाया राशि के सरचार्ज में 50 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है।
आरडीए ने सालभर में 20 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य रखा गया है। कई बकायादार अपना ठिकाना बदल चुके हैं, जिनके नाम पर लगातार नोटिस जारी किया जा रहा है। रिकवरी एजेंसी अब घर-घर जाकर दस्तक दे रहे हैं, लेकिन कई ज्यादातर घरों में हितग्राहियों ने मकानों को किराए पर दे रखा है, जिसकी वजह से वसूली में अपेक्षानुरूप सफलता नहीं मिल पा रही है।
संचालक मंडल की बैठक आज
आरडीए में शनिवार को संचालक मंडल की बैठक होगी। जिसके प्रमुख एजेंडे में कमल विहार में बनने वाले फ्लैट्स व स्वतंत्र मकानों के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करना प्रमुख रूप से शामिल हैं। कमल विहार के अन्य सेक्टर में ईडब्ल्यूएस स्वतंत्र मकानों की संख्या बढ़ाई जााएगी।
कमल विहार में बकाया राशि की रिकवरी के लिए रिकवरी एजेंसी की नियुक्ति किए जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में वित्तीय प्रबंधन बेहतर करने के लिए रिकवरी एजेंसी से मदद मिलने की उम्मीद है। कई ऐसे प्रकरण है, जिनसे एक महीने से अधिक समय के बाद भी किस्तें आनी बंद हो गई है। छोटे और बड़े सभी प्रोजेक्ट में रिकवरी की समस्या आ रही है।
अभिजीत सिंह, सीइओ, रायपुर विकास प्राधिकरण