व्यापारियों को जिला प्रशासन ने भले ही कार्रवाई का डर दिखाया हो, लेकिन अब वे इसे भूल चुके हैं। उन्हें किसी कार्रवाई का भय नहीं है। छत्तीसगढ़ के हर जिले व ब्लॉक में 10 रुपए का सिक्का चल रहा है। कवर्धा के पड़ोसी जिला बेमेतरा हो या फिर राजनांदगांव, 10 रुपए का सिक्का चलन में है। लोग इसके जरिए लेन-देन कर रहे हैं, लेकिन कवर्धा में सिक्के को नकारा जा रहा है।
पत्रिका टीम ने मंगलवार को शहर के कुछ किराना दुकान, चाय दुकान, पान ठेला व दवाई दुकान में जाकर 10 रुपए के सिक्के से लेनदेन करना चाहा। लेकिन व्यापारी हाथ जोड़कर सिक्का लेने से मना कर दिए। कह रहे हैं भले ही सामान का पैसा बाद में दे देना लेकिन सिक्का मत दीजिए। व्यापारी सिक्का लेने से सीधे मना कर रहे हैं।
कलक्टर के निर्देश को कर रहे अनसुना
इस समस्या को देखते हुए ही दो माह पूर्व ही कलक्टर नीरज बनसोड़ इसके लिए निर्देश दिए, कि 10 रुपए का सिक्का चलन में है। जो क्रेता या विक्रेता इसे लेने से मना करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश का पालन नहीं जिला मुख्यालय कवर्धा शहर में ही नहीं हो पा रहा है। सिक्कों को बाजार में चलाने के लिए जिला प्रशासन को स्वयं बाजार में उतरकर इसके लिए पहल करनी होगी।
केंद्र सरकार के नोटबंदी के बाद से नगदी नोटों की किल्लत के कारण 10 रुपए के सिक्के का आवक अचानक बढ़ गई है। वहीं, सिक्कों को लेकर अलग-अलग बैंकों में जमा करने को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। जिसके कारण उपभोक्ताओं और व्यापारियों में संशय की स्थिति है। कई बैंकों द्वारा सिक्कों को जमा करने से इंकार किया जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देश के बाद बाजार में फिर से अफवाहों का दौर का चल रहा है जिसके चलते लोग परेशान हैं। एक तरफ कैशलेस की और तेजी से जाना चाहते हैं वहीं दूसरी और जिनके पास सिक्कें हैं वो न तो बाजार में खपा पा रहे हैं और न ही बैंक में।