डिमांड जब पूरा नहीं हुआ तो आरोपी युवक ने रक्षा बंधन के दिन नाबालिग को दुर्ग से अपहरण कर रायपुर ले गया। अपने घर पर बंधक बनाकर रखा। रक्षाबंधन के दिन अचानक नाबालिग के गायब होने से परिवार वाले सकते में आ गए। परिजनों ने मोबाइल लगाया। फोन नहीं लगने पर देर रात पुलिस को सूचना दी। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा।
पुलिस ने मोबाइल नंबर ट्रेस करना शुरु किया। मोबाइल नंबर ट्रेस होते ही लोकेशन के आधार पर पुलिस ने दो दिन बाद उस जगह का पता लगाया जहां नाबालिग को बंधक बनाकर रखा था। लोकेशन के आधार पर रायपुर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने नाबालिग को मुक्त कराया। नाबालिग के परिजनों को दुर्ग थाने में विधिवत शिकायत दर्ज करवाने की सलाह दी। नाबालिग ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि आरोपी रुपए व जेवरात के लिए दबाव बनाता था। धमकी देता था कि वह उसे बर्बाद कर देगा।
इस वजह से वह डर गई थी। घर से रुपए व जेवरात चुराकर आरोपी कुंदन को देती थी। आरोपी रुपए व जेवरात को लेने रायपुर से दुर्ग आता था। दुर्ग पहुंचने के बाद मोबाइल कर नाबालिग को अपनी सुविधा के अनुसार निर्धारित स्थान पर बुलाता था। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि जब उसे बंधक बनाकर कुंदन ने अपने ही घर में रखा था। इस काम में उसकी मां व भाई सहयोग कर रहे थे। इस बात का खुलासा होते ही दुर्ग पुलिस ने कुंदन की मां और भाई को भी आरोपी बनाया।टीआई भावेश साव ने बताया नाबालिग कक्षा आठवीं की छात्रा है। उसे कुंदन ने अपने घर पर बंधक बनाकर रखा था।
दर्ज कराया एफआईआर
क्राइम ब्रांच रायपुर की मदद से नाबालिग को मुक्त कराया गया। मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कुदन अप्रैल 2017 से नाबालिग के साथ फेसबुक पर चेटिंग कर रहा था। कुंदन फोटो को एडिट कर फेस बुक पर डालने लगा। नाबालिग ने इस बात पर आपत्ति की तो वह फोटो को वायरल कर बदनाम करने की धमकी देने लगा। पैसे की डिमांड करने लगा। आरोपी की तलाश रायपुर पुलिस को भी थी। क्राइम ब्रांच पुलिस रायपुर ने अन्य प्रकरण में कुंदन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं परिजनों को दुर्ग में एफआईआर कराने की सलाह दी।