इसी कड़ी में लैलूंगा विकास खंड के सोनाजोरी गांव के दो श्रमिक भी महाराष्ट्र के थाणे गए थे, जो लॉक डाउन मेें छूट मिलने के बाद वे 16 मई को लौटे। यहां आने के बाद दोनों श्रमिकों को लैलूंगा के क्वारेंटीन सेंटर में रूकवाया गया था। यहां आने के बाद दोनों श्रमिकों को पीपीटी किट से सैंपल लिया गया, लेकिन इसमें कोरोना की पुष्टि नहीं हुई।
इसके बाद दोनों श्रमिकों की जांच आरसीपीसीआर से की गई। इस जांच की रिपोर्ट सोमवार की देर शाम आई। इसमें दोनों श्रमिकों को कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने की। इसमें एक तोलमा गांव व दूसरा सोनाजोरी गांव के रहने वाले हैं। दोनों श्रमिकों में एमसीएच कोविड-19 अस्पताल रायगढ़ लाया जा रहा है, जो देर रात यहां पहुंचेंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार उनके निवास वाले क्वारेन्टीन सेंटर के आस-पास को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए कांटेक्ट ट्रेसिंग की तैयारी चालू की जा रही है।
प्रशासन में मचा हड़कंप
दो श्रमिकों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद अब जिला प्रशासन के अलावा स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों श्रमिकों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल दोनों मरीजों का उपचार रायगढ़ में ही किया जाएगा।
-महाराष्ट्र के थाणे से आए दो श्रमिकों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। मौजूदा समय में वे लैलूंगा के क्वारेंटीन सेंटर में थे। अब उन्हें उपचार के लिए मदर चाइल्ड कोविड -19 अस्पताल लाया जा रहा है। डॉ. वेद प्रकाश गिल्ले, नोडल अधिकारी कोरोना