जानकारी के मुताबिक पिछले मंगलवार से एक भालू आसपास के गांव में विचरण कर रहा है लेकिन तीन दिन से छेवारीपाली जलाशय में पानी पीने के लिए एक भालू शाम को आ रहा है। पानी पीने के बाद भालू गांव की ओर भटक कर खेत खलिहान में पहुंच जा रहा है। दिन के दोपहर के समय भालू को धनिया फसल के खेतों में देखा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार शाम को जब भालू जलाशय से पानी पीकर जैसे ही गांव के खेतों की ओर बढ़ रहा था ग्रामीणों की नजर पड़ गई और उसे किसी तरह भगा दिया गया। वहीं रविवार सुबह को फिर दो अन्य भालू आ धमके।
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Photo Gallery : तेज आंधी से गुल हुई बिजली, रात भर छाया रहा अंधेरा, फोटो में देखिए कैसा रहा मौसम का रूख ग्रामीणों ने बताया कि नवागांव निवासी श्रीराम सिदार पिता समारू और गांगाधर कोड़ाकू पिता मुनू के बाडिय़ों में दोनों भालू अलग-अलग होकर पहुंच गए थे। भालुओं के आने की खबर मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण देखने पहुंच गए। किसी तरह से दोनों भालू को वहां से भगाकर जंगल की तरफ खदेड़ा गया लेकिन ग्रामीणों में भालुओं के आमद से डरे सहमे हैं। ऐसे मे तेंदूपत्ता तोड़ाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है।जंगल में पानी नहीं है।
इस बीट और कंवरगुड़ा बीट के मध्य में जंगल के भीतरी भाग पर चार तालाब बनवाए गए है। इस बार इन तालाबों में पानी नहीं भरवाने के वजह से जंगली जानवर पानी की तलाश में गांवों की ओर भटककर पहुंच जा रहे है लेकिन वन अमला इस मामले में बेपरवाह बनी हुई है। ऐसे में तालाओं के निर्माण को लेकर सवाल उठाए जा रहे है।
भालू पहुंचने की जानकारी मिली है। ग्रामीणों ने जंगल की तरफ खदेड़ दिए है। कंवरगुड़ा बीट के जंगल में एक तालाब में पानी है- हीरालाल साहू, साह. वन परि. अधि. बरमकेला
भालू पहुंचने की जानकारी मिली है। ग्रामीणों ने जंगल की तरफ खदेड़ दिए है। कंवरगुड़ा बीट के जंगल में एक तालाब में पानी है- हीरालाल साहू, साह. वन परि. अधि. बरमकेला