इसके बाद वन अमला जागा और शिकारियों की तलाश शुरू की। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने 9 शिकारियों को पकड़ तो लिया, लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग में हुई चूक को लेकर अब तक न तो कोई जांच की गई थी न ही कोई कार्रवाई जिम्मेदारों पर की गई। विभागीय अधिकारियों को आला अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा था।
उच्च अधिकारियों पर सवाल उठते देख विभागीय जांच शुरू की। विभागीय जांच के दौरान संबंधित अधिकारियों के परिक्षेत्र में होने से जांच में प्रभावित होने की बात भी सामने आ रही थी, जिसके कारण इस मामले में विभागीय जांच शुरू करने के साथ ही साथ रेंजर राजू सिदार, डिप्टी रेंजर बरतराम सिदार को संबंधित परिक्षेत्र से हटा दिया गया है। वहीं बीट बार्ड मनबोध बरिहा को घटना के तत्काल बाद निलंबित कर दिया गया है। अब तीनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू किया गया है।
इस मामले को लेकर पर्यावरण संरक्षण समिति के मुख्य सलाहकार गोपाल अग्रवाल ने पिछले दिनों सीएम को पत्र लिखकर संबंधितों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। हाांकि उक्त पत्र के बाद सीएम कार्यालय से पीसीसीएफ कार्यालय को उक्त शिकायत पर कार्रवाई कर अवगत कराने के लिए लिखा गया है।
घटना के बाद आरोपियों के गिरफ्तारी को प्राथमिकता बताते हुए सिर्फ बीट गार्ड मनबोध बरिहा को निलंबित किया गया था। रेंजर राजू सिदार व डिप्टी रेंजर उसी परिक्षेत्र में पदस्थ रहे। आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद भी दोनों ही अधिकारी वहीं पदस्थ रहे जिसके कारण मामले में लीपापोती करने के लिए संबंधितों को पूरा मौका मिला है। विभागीय जांच में वास्तिवक्ता सामने आने की बात कही जा रही है।
इस मामले में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। बीट गार्ड को पूर्व में ही निलंबित किया गया है, रेंजर व डिप्टी रेंजर को संबंधित परिक्षेत्र से हटाया गया है।
गणेश यूआर, डीएफओ सारंगढ़
गणेश यूआर, डीएफओ सारंगढ़