ज्ञात हो कि लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 23(1)(2) के प्रावधान के अनुसार दुष्कर्म पीडि़त महिला बच्चों की पहचान की गोपनीयता अनिवार्य रूप से बनाए रखा जाना है विगत कुछ दिनों से कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जिसमें सम्प्रेषणविभिन्न माध्यम के द्वारा विशेषकर सोशल मीडिया के द्वारा दुष्कर्म पीडि़त महिला बच्चों की तस्वीर,
15 दिन में मांगा जवाब
ऐसे गंभीर प्रकरणों में गोपनीयता बनाए रखे जाने के लिए समुचित कार्रवाई करने कहा गया है। वहीं इस मामले में किए गए कार्रवाई से 15 दिवस के भीतर आयोग को अवगत कराने कहा गया है।
किसी भी स्थिति में गोपनीयता न हो भंग
उक्त पत्र के माध्यम से यह भी कहा गया है कि ऐसे मामलों में किसी भी स्थिति में पीडि़ता व उसके परिवार की पहचान किसी भी परिस्थति में न हो इसके लिए आवश्यक उपाय किया जाए। उक्त पत्र आने के बाद संबंधित विभागों में निर्देश जारी किया गया है।
कागज में की शादी फिर अनाचार
रायगढ़. एक युवक ने युवती को शादी संबंधी शपथ पत्र देकर उसे अपनी पत्नी मान लिया। वहीं डेढ़ साल तक अनाचार करने के बाद अब शादी करने से इंकार कर रहा है। घटना तमनार थाना क्षेत्र की है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तमनार निवासी 22 वर्षीय युवती 01 मई को थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी विजय निषाद द्वारा छल कपट कर धोखे से समविवाह का इकरारनामा एवं शपथ पत्र निस्पादित कराकर विधिपुर्वक शादी शुदा हूं कहते हुए 12 अगस्त 2016 से लगभग ढेड साल तक शारीरिक संबंध बनाया और अब शादी से इंकार कर रहा है। युवती के रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।