आत्महत्या करने की सूचना प्रशासनिक अमले में मचा हडक़ंप
पुजारी भगवान दास श्रीवास के आत्महत्या के लिए हाथ काटे जाने की जानकारी मिलने के बाद सोमवार की रात में ही पुलिस विभाग के एसपी सहित अन्य बड़े अधिकारी व प्रशासनिक विभाग के कलेक्टर व एसडीएम सहित अन्य अधिकारी पूरी रात अस्पताल में मौजूद रहे। वहीं इसके लिए अन्य पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई थी कि कहीं इसकी जानकारी मीडिया को न लगे। इस दौरान पुजारी भगवान दास को मीडिया से बचाने के लिए पेईंग वार्ड में अलग से भर्ती कराया गया। जहां मीडिया को जाने से बेन कर दिया गया। वहीं मंगलवार को भी पुलिस के अधिकारी अस्पताल में मौजूद रहे। इस दौरान पुजारी से मीडिया के मिलने नहीं दिया जा रहा था। ताकि इनकी पोल न खुल जाए।चार साल पहले हुई थी घटना
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार करीब चार साल पहले डीबी पावर की हाइवा से मंदिर टूट गया था। इस दौरान डीबी पावर के अधिकारियों ने पुजारी को आश्वासन दिया था कि उसे मुआवजा के रूप में आठ लाख रुपए दिया जाएगा। इसके बाद पुजारी ने अपने रुपए से मंदिर का निर्माण करा दिया। वहीं कई बार मुआवजे की मांग की गई, लेकिन डीबी पावर ने रुपए नहीं देने से पुजारी ने इसकी शिकायत कलेक्टर व एसडीएम से की थी। इसके बाद भी आज तक उसे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।कुरमापाली में हुई थी त्रिपक्षीयवार्ता
इस संंबंध में मिली जानकारी के अनुसार डीबी पावर व प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। जिससे पुजारी काफी व्यथित हो गया था। इस कारण पुजारी ने कोतरारोड थाना व एसडीएम से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी थी। इस कारण विगत चार-पांच दिन पहले प्रशासन द्वारा कुरमापाली में त्रिपक्षीय वार्ता रखी गई थी। इसमें तय किया गया कि सोमवार को डीबी पावर द्वारा मुआवजे के रूप में आठ लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं पुजारी ने कहा था कि अगर सोमवार को रुपए नहीं मिले तो वह आत्महत्या कर लेगा, लेकिन इस बार भी पुजारी को रुपया नहीं दिया।-भागवत जायसवाल, एसडीएम, रायगढ़