आरोपी इंसान हैं या भूत
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब पत्थरबाजी होती है तो मोहल्ले के दस से बारह युवाओं की टोली अज्ञात आरोपियों को पूरे क्षेत्र में ढूंढऩे निकल जाती है, लेकिन पिछले छह दिनों तक युवाओं को न तो एक भी आरोपी दिखे हैं और न ही पकड़े गए हैं। ऐसे में इस आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना से कई लोग इसे तंत्र-मंत्र से भी जोड़कर देख रहे हैं कुछ लोग तो इसे भूत-प्रेत की हरकत भी बता रहे हैं। हालांकि यह असामाजिक तत्वों का कारनामा है।
टूट गए छत व अन्य सामान
पत्थरबाजी की इस घटना में कई घरों के छत भी टूट गए हैं। जिनका ढलाई वाला पक्का मकान है उनके छत तो बच जा रहे हैं, लेकिन जिनका खप्पर या एस्बेस्टस का मकान है उनके छत में पत्थर गिरने से छत टूट जा रहे हैं। शिकायतकर्ता साकीर अली ने बताया कि उसके घर के एस्बेटस्टस सीट इसी पत्थरबाजी की बजह से कई स्थानों से टूट गए हैं। वहीं घर की कुर्सियां भी टूट-फूट गई हैं।
दूसरे घर सोने जाते हैं बच्चे
साकीर अली ने अपने शिकायत में बताया कि चूंकि उसका घर एस्बेस्टस का है, ऐसे में रात में सोते समय उसके परिवार पर कभी भी कोई बड़ा सा पत्थर आफत बनकर बरस सकता है। ऐसे में वह रिस्क लेना नहीं चाहता। इसलिए वह अपने बच्चों को रात में दूसरे के घर सोने के लिए भेजता है, जिनके यहां पक्का मकान है। ऐसे में कब तक लोग डर के साये में रहेंगे।
किसी से कोई रंजिश नहीं, फिर भी मार रहे पत्थर
इस संबंध में नवागढ़ी निवासी मेहबूब आलम ने बताया कि वे चार साल से अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं। उनका किसी के साथ कोई रंजिश या विवाद नहीं है। इसके बाद भी उसके घर पर लोग पत्थरबाजी कर रहे हैं। ऐसे में मेहबूब का पूरा परिवार सहमा हुआ है। उनका कहना है कि आखिर हमें पत्थर मार कर कोई क्या हासिल करना चाह रहा है, यह समझ में नहीं आता।
एकत्र करके रखे हैं पत्थर
स्थानीय लोगों ने अपने घरों में आसमान से बरसने वाले पत्थरों को इकट्टा करके रखा है। उसमें से कई पत्थर को दो किलो या उससे अधिक वजन के हैं। ऐसे में अगर इतना भारी.भरकम पत्थर किसी इंसान के ऊपर गिर जाए तो उसका बचना मुश्किल है। इस स्थिति में नवागढ़ी निवासी क्या करें क्या नहीं उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।