रायगढ़

सो रहे नाती ने चिल्लाया तो जाग गई नानी, भागते हुए सांप को पकड़ा तो उसे भी डसा, दोनों की मौत

Snake Bite: मृत बच्चे का झाड़-फूंक कराने जिद करते रहे परिजन, पर काफी समझाइश के बाद पोस्टमार्टम के लिए हुए तैयार।

रायगढ़Sep 14, 2019 / 02:12 pm

Vasudev Yadav

सो रहे नाती ने चिल्लाया तो जाग गई नानी, भागते हुए सांप को पकड़ा तो उसे भी डसा, दोनों की मौत

रायगढ़. घर की तखत में सोए नानी और नाती को सांप ने काट लिया। नानी और 13 वर्षीय नाती दोनों की मौत हो गई। परिजन इस सदमें को बर्दाश्त नहीं कर सके और मृत बच्चे का झाड़-फूंक कराने अमादा थे, ताकि वे बच्चे को झाड़-फूंक से ठीक करा सके, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी और उन्हें समझाइश दी। इसके बाद परिजन पीएम कराने के लिए राजी हुए।
इस संंबंध में मिली जानकारी के अनुसार खरसिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ठाकुरदिया निवासी योगेश दास महंत पिता संजू दास महंत (13) के घर में गणेश पूजा का कार्यक्रम चल रहा था। इसमें शामिल होने के लिए कोरबा क्षेत्र के मोतीसागर पारा निवासी उसकी नानी श्याम बाई पति स्व. गणेश राम (70) चार दिन पहले ठाकुरपाली आई हुई थी। नानी और नाती उसी दिन से एक साथ रहते, खाते और सोते थे। गुरुवार की रात घर के सभी लोग सोने चले गए। योगेश और उसकी नानी श्याम बाई दोनों तखत पर सो गए।
रात करीब 10.30 बजे एक सांप ने योगेश को काट लिया। इससे वह शोर मचाने लगा। इससे उसकी नानी की नींद खुली और वह सांप को पकड़ ली। इस दौरान सांप ने उसे भी डस लिया। हो-हल्ला सुनकर घर के सभी परिजन उनके पास पहुंचे, तब तक सांप वहां से भाग गया। इसके बाद परिजनों ने दोनों को उपचार के लिए पहले खरसिया स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां से डाक्टरों ने बगैर जांच किए ही उन्हें रायगढ़ मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया।
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रास्ते में ही योगेश महंत की मौत हो गई। उसके बाद रात करीब 2.40 बजे मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने योगेश को मृत घोषित कर दिया और श्याम बाई का उपचार शुरू किया गया। इलाज के दौरान करीब चार बजे श्याम बाई की भी मौत हो गई। अस्पताल से भेजी गई तहरीर पर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर लिया है।
शुक्रवार की सुबह कोतवाली पुलिस जब पीएम की प्रक्रिया शुरू की तो परिजन पीएम कराने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वे शव को जांजगीर चांपा जिला के कैथा गांव ले जाएंगे। उनका कहना था कि कैथा मंदिर में सर्पदंश के मरीज को झाड़-फूंक से जिंदा किया जाता है। इसके लिए परिजन सुबह से जिला प्रशासन के पास पहुंचे थे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने काफी समझाया। इसके बाद वे पीएम के लिए राजी हुए। इसके बाद देर शाम पीएम शुरू हो सका।
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