बीते 14 अक्टूबर की सुबह 06 से 02 बजे शिफ्ट में रामचंद्र बायलर प्लांट नंबर 03 में इको जोन पाइप जाम होने से सुधार कार्य कर रहा था। शिफ्ट इंचार्ज चंदन नायक ने जयप्रकाश कुशवाहा व श्याम कुमार साहू को सुधार कार्य करने भेजा। वहां पर मैकेनिकल विभाग का टेक्नीशियन संजय सिंह, संदीप सिंह व मृतक रामचंद्र साह मौजूद थे। इको जोन डस्ट पाइप जाम था। बायलर प्लांट का शिफ्ट इंचार्ज दीपक कुुमार लांजेवाड के निर्देशानुसार इको जोन पाइप में काम चल रहा था। जाम पाइप को हैमर से ठोंकने पर भी जाम नहीं खुलने से संदीप सिंह एवं संजय सिंह पाइप लाइन के नीचे के ज्वाइंट को खोलने लगे। तब रामचंद्र ने उनसे कहा कि नीचे मत खोलो ऊपर का जाम है। इसके बाद दोनों प्लेटफार्म के उपर जाकर इको जोन पाइप लाइन के ज्वाइंट का नट बोल्ट खोलकर नीचे आ गए। फिर हैमर से पाइप को ठोंके इसके बाद भी जाम नहीं खुला।
इसी दौरान श्याम कुमार साहू एवं जेपी कुशवाहा भी आ गए। इसी बीच मृतक रामचंद्र हैमर लेकर प्लेटफार्म में गया और जाम पाइप को हैमर से ठोंकने लगा। तभी अचानक जाम खुलकर प्रेसर के साथ गर्म डस्ट बाहर निकला और मृतक के चेहरा व शरीर के अन्य हिस्सों में लगा। जिससे वहां पर पूरा अंधेरा छा गया। मृतक डस्ट से पहचान नहीं आ रहा था। अंधेरा छंटने के बाद वहां मौजूद लोगों ने देखा कि रामचंद्र बुरी तरह झुलस गया था, जिससे वह बेहोश हो गया।
इसके बाद उसे प्लांट के डिस्पेंसरी ले गए। जहां से रामचंद्र को जिंदल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान रामचंद्र की मौत हो गई। मामले की सम्पूर्ण जांच में पुलिस ने पाया कि मृतक की मौत कारखाना प्रबंधक एवं प्रबंधन के अन्य स्टाफ द्वारा फैक्टरी के मशीनरी उपकरण के देख-रेख में लापरवाही बरतने एवं कार्यरत कर्मचारी को पर्याप्त सुरक्षा सामाग्री प्रदाय नही करने से दुर्घटना हुई थी। ऐसे में पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
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