मिली जानकारी के अनुसार जिंदल कंपनी के एसएमएस टू का वाल्व बार-बार बंद कर दिए जाने से कंपनी का काम प्रभावित हो रहा था। इस बात को लेकर आसपास कार्यरत 10 श्रमिकों का चिन्हांकन किया गया था। इसमें निखिल गुप्ता, राजकुमार गुप्ता व श्रीनिवास भी शामिल थे। यह तीनों श्रमिक जीडब्ल्यू में कार्यरत थे। बीते शनिवार को इन तीनों श्रमिकों को सेंटर सिक्युरिटी कार्यालय ले जाया गया और वहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई। मारपीट के बाद देर रात उन्हें छोड़ा गया।
ऐसे में इन श्रमिकों ने इसकी जानकारी अन्य श्रमिकों को दी। मामले की जानकारी मिलते ही श्रमिक एकत्रित हो गए और घटना के दूसरे दिन बड़ी संया में श्रमिक एकत्रित हुए और कंपनी के पास ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसकी जानकारी लगते ही कोतरा रोड पुलिस सहित कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। श्रमिकों ने बताया कि पुलिस व प्रबंधन से चर्चा उपरांत यह बात सामने आई कि इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के लिए तीन दिन का समय मांगा गया है। इसके बाद श्रमिकों ने प्रदर्शन समाप्त किया। इस घटना को लेकर प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसिव नहीं किया।
यह भी पढ़ें
Mahasamund News: स्कूल से 8 साल के बच्चे का अपहरण, प्रधान पाठक बोले- उसकी मां मिलने आई थी फिर… मचा बवाल
Raigarh News: एक साल पहले भी किया था प्रदर्शन
सुरक्षा कर्मियों के द्वारा मारपीट किए जाने की घटना इससे पहले भी हुई थी। यह पूर्व की घटना पिछले साल ही हुई थी। इस बात को लेकर श्रमिकों के द्वारा कंपनी के मेन गेट के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया था। मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने जिंदल के चार सुरक्षा कर्मियो के खिलाफ कार्रवाई भी की थी।कंपनी के समझ रखी गई पांच सूत्रीय मांग
प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने इस बीच पांच सूत्रीय मांग भी कंपनी प्रबंधन के पास रखी। इस मांग में यह बताया गया है कि है कि पूर्व में कुछ श्रमिकों को ब्लैक लिस्टेड किया गचया है, उन श्रमिकों कीबहाली करनी होगी। वहीं वेतन विसंगति को दूर करने की मांग भी शामिल हैं। इसके अलाव मारपीट से पीड़ित श्रमिकों को 1 लाख रुपए का मुआवजा एवं वेतन सहित एक माह का अवकाश और दोषी सिक्यूरिटी गार्ड पर तत्काल एफआईआर कराए जाने की मांग शामिल है। साथ ही शिक्षित युवाओं को योग्यता अनुसार रोजगार देने व सिक्यूरिटी भर्ती में स्थानीय लोगों के लिए हाइट के मापदंड में बदलाव करने की मांग की गई है। वहीं स्थानीय ठेकेदारों को ठेकेदारी में प्राथमिकता मिले व किरोड़ीमल नगर में रहने वाले श्रमिकों को अन्यंत्र स्थानांतरण नहीं करने की मांग भी की गई है।