मुनाफा केंद्रित विकास को बदलना होगा : पीवी राजगोपाल
रायगढ़. किसी भी विकास के विषय में कानून बनने के बाद भी शासन इसके पालन के लिए संवेदनशील नहीं है। मौजूदा समय में मुनाफा केंद्रित विकास हो रहा है। इसके बदलने की आवश्यकता है। यह कहना था समाज सेवी संस्था एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल का। वे स्व. रामकुमार अग्रवाल के प्रतिमा अनावरण अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में यहां पहुंचे थे। इस दौरान होटल आर्शीवाद में उनकी प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी।
प्रेसवार्ता के दौरान उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ ऐसा ६वां राज्य हैं, जिसने पेशा एक्ट कानून लागू किया है। पेशा एक्ट को लेकर उनका कहना था कि सरकार के द्वारा कानून तो बना दिया गया है, लेकिन इसको लेकर शासन गंभीर नहीं है। उनका कहना था कि अभी भी इस कानून में त्रृटियां हैं। इसमें सुधार की आवश्यकता है। उनका कहना था कि कानून बनाने के समय इसमें समाजिक सलाह लेना चाहिए था, जो नहीं लिया गया है। इसकी वजह से इसमें विसंगतियां हैं। वहीं उनका कहना था कि समाजिक संगठनों के चर्चा के बाद शासन ने इस लागू किया है। शासन से चर्चा कर इसकी विसंगति दूर होगी। उनका कहना था कि खनन व औद्योगिक क्षेत्र में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। शासन भी मुनाफा केंद्रित विकास करा रहा है। यही वजह है कि मौजूदा समय में राज शक्ति प्रबल और जन शक्ति कमजोर हो गई है। ऐसे में लोगों को जन आंदोलन से जुडऩा चाहिए। वहीं उनका कहना था कि जन आंदोलन को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसमें युवाओं को भी प्रशिक्षिण देते हुए तैयार किया जाएगा।
आंदोलन का दायरा हो रहा कम
उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार को लेकर कहना है चाहे दिल्ली हो या रायपुर दोनों जगहों पर आंदोलन के लिए काफी दूर एक स्थान निर्धारित किया गया है। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया कि सरकार आंदोलन का सामना करना नहीं चाहती। इसकी वजह से उसे दूर करते हुए उसके दायरे को कम किया जा रहा है। वहीं कहा कि जन आंदोलन के नए रणनीति पर विचार चल रहा है।
स्थानीय स्तर पर भी होगा आंदोलन
रायगढ़ जिले में व्यापक पैमाने पर उद्योगों लगाने की अनुमति को लेकर एक सवाल में उनका कहना था कि इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर एक आंदोलन को लेकर चर्चा चल रही है। वहीं मौजूदा समय में कोयला आपूर्ति के लिए यात्री ट्रेनों को कैंसिल सहित परिचालन में लेटलतीफी पर उनका कहना था कि इसके लिए भी आंदोलन किया जा सकता है।