विदित हो कि बड़माल में पिछले वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी गर्मी शुरू होने के साथ ही साथ रेत का अवैध उत्खनन शुरू हो गया है। इसकी कई बार शिकायत खनिज विभाग के अधिकारियों को भी की गई है पर आज पर्यंत कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं सूरजगढ़ पुल के पास रेत महानदी में रेत घाट स्वीकृत है।
नियमानुसार देखा जाए तो किसी भी रेत घाट में मशीन से रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध रहता है। यहां पर मजदूरों द्वारा ही खोदाई कर रेत का परिवहन करना रहता है लेकिन सूरजगढ़ पुल के नीचे स्वीकृत घाट में पिछले लंबे समय से पोखलेन और जेसीबी लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। गुरूवार को सुबह १० बजे से यहां देखा गया कि एक पोखलेन और दो जेसीबी कुछ दूरियों पर रेत का उत्खनन कर ट्रेक्टरों में लोड कर रहे हैं। इसके साथ ही रेत निकालकर वहीं पास में डंप किया जा रहा है। मशीन से की जा रही खोदाई के कारण यहां पर काफी बड़े-बड़े गड्ढे देखने को भी मिल रहे हैं।
बेतरतीब ढंग से यहां पर नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए रेत का उत्खनन किया जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस मार्ग से प्रशासनिक अधिकारियों व विभाग के अधिकारियों का भी आवागमन होते रहता है लेकिन किसी को कोई मतलब नहीं है इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके कारण बड़माल में जहां सुबह से शाम तक अवैध रूप से रेत का उत्खनन किया जा रहा है तो वहीं सूरजगढ़ पुलिया के पास नियमों के विपरित रेत का उत्खनन कर रहे हैं।
आरपीएफ से लेकर यात्रियों पर भी नजर रखेगा बॉडी वियर कैमरा विभाग की मौन सहमति
खुलेआम चल रहे रेत के इस खेल पर कार्रवाई विभाग द्वारा नहीं की जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि रेत के इस खेल में खनिज विभाग की मौन सहमति है। यही कारण है कि बार-बार शिकायत के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा इस ओर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
करते हैं खानापूर्ति
विभाग के अधिकारी अवैध रेत उत्खनन व परिवहन पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए नजर आ रहे हैं। पिछले दो माह में देखा जाए तो गिने चुने वाहन ही पकड़ाए हैं जबकि रोजाना सिर्फ बड़माल से करीब ५० गाड़ी प्रतिदिन रेत परिवहन किया जा रहा है। इसके बाद भी विभाग मौन है।
-स्वीकृत रेत घाट में पोखलेन व जेसीबी से खुदाई नहीं कर सकते हैं। ऐसा कर रहे हैं तो गलत है। जांच कराई जाएगी। संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। बड़माल क्षेत्र में भी जांच कराई जाएगी।
एसएस नाग, उप संचालक खनिज विभाग