जिंदल प्रबंधन के खिलाफ फूटा श्रमिकों का गुस्सा, किया घेराव, कर्मचारियों की ये है मांग
रायगढ़. जिंदल प्रबंधन पर श्रमिक विरोधी नीतियों का आरोप लगाकर वहां के श्रमिक आए दिन सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ गुरुवार दोपहर जेएसपीएल के मुख्य गेट में हुआ। यहां श्रमिकों ने जिंदल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। श्रमिकों ने इंक्रीमेंट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर कंपनी के मुख्य गेट के बाहर कई घंटों प्रदर्शन कर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद छह सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपते हुए प्रबंधन को उनकी मांगें एक सप्ताह के भीतर पूरी करने का अल्टीमेटम दिया है। मांगे न मानी जाने पर श्रमिकों ने आगे फिर से उग्र प्रदर्शन करने की बात कही है।
यह प्रदर्शन जेएसपीएल के निम्न वर्ग एवं न्यूनमत वेतनधारी श्रमिकों के द्वारा किया गया है। इससे पहले ऐसा ही एक प्रर्दशन श्रमिकों के द्वारा कंपनी के बाहर पार्षद पंकज पटेल के नेतृत्व में किया गया था। गुरुवार को प्रदर्शन करने के बाद श्रमिकों ने जो प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है उसमें उल्लेख है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष २०१७-१८ में जो इंक्रीमेंट हुआ है उससे वे संतुष्ट नहीं हैं।
चार बड़ी फर्मों में जब धड़धड़ाते घुसे आयकर की टीम तो व्यवसायियों में मचा हड़कंप कर्मचारियों का सामान रूप से इंक्रीमेंट किया जाए। इसके अलावा मौजूदा समय में जो वेतन व पद पर कर्मचारी कार्यरत हैं उनकी योग्यता और कार्यकुशलता के आधार पर वेतन संसोधन करते हुए न्यूनमत वेतन २४ हजार रुपए की जाए। तीसरी मांग में कहा गया कि वर्तमान में जो कर्मचारी कार्यरत हैं उन्हें एक एच व ई कोड जारी किया गया है। इस कोड को बदल कर जेएसपीएल कोड दिया जाए। वहीं निर्धारित आठ घंटे से अधिक ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को ओटी दिए जाने की मांग भी की गई है। इसके अलावा जमीन अधिग्रहण से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को एक साल के भीतर नियमित किए जाने की मांग भी की गई है। मांग के छठवें बिन्दु पर तीन साल में कर्मचारियों को प्रमोशन दिए जाने की मांग की गई है। इन मांगों को एक सप्ताह के भीतर नहीं पूरा किए जाने की स्थिति में आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
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