करीब दो माह पूर्व ही शासन से भू-अभिलेख कार्यालय को एक पत्र मिला था जिसमें एक ही हल्के में 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ पटवारियों की जानकारी मांगी गई थी। उक्त निर्देश के आधार पर सभी तहसील कार्यालयों में पदस्थ पटवारियों के कार्यअवधी की जानकारी तैयार कर जिला प्रशासन को भेजा गया है। गोपनीय रूप से तैयार किए गए सूची को जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजा गया है।
शासन के मार्गदर्शन के आधार पर अब इसमें फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है, जिसको लेकर इन दिनों पटवारियों के बीच फेरबदल की संभावना को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके कारण कई हल्को में काम-काज भी प्रभावित होने लगा है। फेरबदल की आशंका कोई कार्य करने से पटवारी हिचकिचाने लगे हुए हैं। वहीं लंबित प्रकरण को लेकर टाल-मटोल शुरू कर दिया गया है।
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क्या है नियम
किसी भी तहसील व जिले में 10 प्रतिशत से अधिक की संख्या मे कर्मचारियों का फेरबदल बिना किसी विशेष कारण के नहीं किया जा सकता है। इस नियम को लेकर पटवारियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि 10 प्रतिशत में आखिर किसका-किसका नाम सामने आ रहा है।बचाव के लिए पहले से की तैयारी
अगस्त माह में भगवानपुर हल्के के पटवारी को बैकुंठपुर और बैकुंठपुर हल्के के पटवारी को भगवान हल्का दिया गया है। बोईरदादर हल्के से आरआई मनिषा निकुंज का लैलूंगा स्थानांतरण किया गया है। वहीं लैलूंगा आरआई अशोक साहू को बोईरदादर स्थानांतरित किया गया है। अब ये पटवारी स्थानांतरण तिथि के कारण 3 वर्ष के दायरे से बाहर हो जाएंगे। ऐसे अन्य कई तहसील में भी कारनामा हुआ है। शासन से मांगी गई जानकारी तैयार कराई गई है। शासन को भेजा जाएगा। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी।