इससे मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई मरीज तो ऐसे हैं जिनको अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी अस्पताल में ही रुकने की मजबूरी बनी हुई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सर्वर नहीं होने से आयुष्मान कार्ड भी बंद नहीं हो रहा है। इसको लेकर यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों के परिजनों व कर्मचारियों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
अस्पताल के सूत्रों की माने तो एमसीएच का का पूरा डाटा जिला अस्पताल के सर्वर में सेव रहता है, लेकिन वहां खराबी होने के कारण विगत 10 दिनों से कितने मरीज भर्ती हुए और कितने बच्चे पैदा हुए इसकी भी जानकारी जिला अस्पताल के पास नहीं है। ऐसे में एमआरडी विभाग का कहना है कि जब एमसीएच से मैन्युअल रजिस्टर आएगा, तभी डाटा ऑन लाइन हो पाएगा। ऐसे में मरीजों के साथ-साथ वहां काम करने वाले कर्मचारियेां को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आयुष्मान कार्ड के चक्कर में फंसे हैं मरीज इस संबंध में एमसीएच अस्पताल में उपचार कराने आने वाले बरमकेला के एक मरीज के परिजन ने बताया कि उसकी पत्नी की एमसीएच में पांच दिन पहले भर्ती हुई थी। तीन दिन उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी कर दी गई, लेकिन आयुष्मान कार्ड व डिस्चार्ज पेपर तैयार नहीं हो पाने के कारण उसे दो दिन अधिक रुकना पड़ा। इसकी वजह से मरीज व परिजन दोनों को परेशान होना पड़ा। ऐसे में इस बात का अंदाजा लाया जा रहा है कि बीते 10 दिनों से सर्वर में दिक्कत होने के कारण इस तरह से कई मरीजों को छुट्टी के बाद भी अस्पताल में रुकना पड़ रहा है।
कर्मचारी भी हलाकान इस संबंध में अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि ड्यूटीरत डॉक्टर व नर्स भी अपने काम से पल्ला झाड़ते हुए मरीजों की एंट्री का काम डाटा आपरेटरों को सौंप दिया है। वहीं मरीज अधिक होने के कारण इनका भी लोड बढ़ गया है। इससे मरीजों को समय से ओपीडी व आईपीडी पेपर तैयार नहीं हो पा रहा है। इसमें सुधार के लिए कई बार शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
मेकाहारा के नेट से चल रहा था काम उल्लेखनीय है कि विगत दो साल से एमसीएच में मेडिकल कालेज अस्पताल के नेट से काम चल रहा था, लेकिन अधिक बिल आने के कारण मेकाहारा प्रबंधन द्वारा वहां नेट कनेक्शन अलग कर लिया गया है। इससे यह समस्या बढ़ गई है।
एमसीएच में सर्वर खराब होने की जानकारी मिली है। इसके सुधार के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बहुत जल्द सुधार हो जाएगी।
– डॉ. आरएन मंडावी, सिविल सर्जन