विवेचना के दौरान मृतिका के मायके पक्ष तथा गवाहों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि मृतिका गंगोत्री बघेल के ससुर हीरालाल की तीन पत्नियां थी। जिसमें से तिहारिन बाई जीवित है। मृतिका के पति मनोहर की मां की मौत हो चुकी है। मृतिका गंगोत्री बाई एवं उसके ससुराल पक्ष का जमीन बंटवारा को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था, जिसके कारण गंगोत्री अपने पति मनोहर को साथ लेकर अपने मायके चली गई थी। घटना के करीब आठ दिन पूर्व ससुराल वाले बंटवारा देंगे कहकर मनोहर एवं गंगोत्री को वापस बुलवा लिए थे। एक-दो दिन सामान्य रहने के बाद फिर ससुर हीरालाल एवं सास तिहारीन बाई गंगोत्री के साथ लड़ाई झगड़ा करने लगे तथा जमीन-जायदाद का हिस्सा बंटवारा नहीं मिलेगा कहकर घर से निकल जाओ बोले थे। तब गंगोत्री बाई सगा-समाज को बुलाकर मीटिंग कराई थी। वहां भी हीरालाल उसकी पत्नी एवं बेटा सुनील तथा बेटी कौशल्या के द्वारा पीडि़ता के साथ झगड़ा विवाद किया गया था। इसके बाद गंगोत्री की हत्या कर दी गई थी।
बदलते बयान में फंस गए आरोपी
गंगोत्री का शव नाला में मिलने के बाद पुलिस ने उसके पति मनोहर, सास तिहारीन, देवर सुनील, ननद कौशिल्या एवं ससुर हीरालाल से घटना के संबंध में कई बार पूछताछ की। इस दौरान संदेहियों द्वारा लगातार अलग-अलग कहानी बनाई जा रही थी, जिससे पुलिस का संदेह स्पष्ट होता गया। ऐसे में पुलिस ने सख्ती दिखाई तो आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि 4 दिसंबर को मृतिका की सास तिहारीन बाई, ससुर हीरालाल बघेल, देवर सुनील बघेल एवं ननद कौशल्या बघेल ने घर में झगड़ा विवाद कर गंगोत्री के साथ मारपीट करते हुए उसके सिर को दीवार से कई बार टक्कर मार दिया, जिससे मृतिका के सिर में कई जगह अंदरूनी चोट आने से उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस को गुमराह करने चली चाल
भूपदेवपुर टीआई उत्तम साहू के अनुसार आरोपियों ने चार दिसंबर को दिन में ही महिला की हत्या कर दी। वहीं घटना को अंजाम देने के बाद मृतिका की सास व देवर बाइक से अपने गांव चले गए। वहीं उसी दिन शाम को लौट गए। जब पुलिस ने उसने पूछताछ की तो मृतिका के सास और देवर सुनील ने पुलिस को बताया कि वे तो उस दिन सुबह नौ बजे से गांव गए थे। तब पुलिस ने सुनील का कॉल डिटेल निकाला तो पता चला कि घटना दिनांक को १२ बजे तक वह यहीं गांव में ही था। यह क्लू भी पुलिस के लिए बहुत काम आई। इसके अलावा आरोपियों ने महिला की हत्या करने के बाद उसे निर्वस्त्र कर दिया। ताकि पुलिस को यह लगे कि महिला के साथ किसी बाहरी आदमी ने अनाचार कर उसकी हत्या कर दी है। लेकिन आरोपियों की चालाकी काम नहीं आई।
पति इसलिए बना आरोपी
टीआई साहू ने बताया कि घटना के समय मृतिका का पति मनोहर बघेल घर में नहीं था वह अपने काम पर गया था। लेकिन शाम में वह घर लौटा और उसे घटना की जानकारी हुई तो उसने पुलिस को बताने की बजाय अपने भाई सुनील के साथ मिलकर अपनी पत्नी गंगोत्री की लाश को ठिकाना लगाया था। इसलिए पुलिस ने उसे भी इस घटना का आरोपी बनाया है।