उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ अन्य राज्य की तरह ही व्यवहार करना चाहिए। हम केंद्र से धान खरीदने के लिए पैसे नहीं मांग रहे हैं। हम किसानो से 2500 रुपये में धान खरीदने खरीदने का वादा निभाएंगे। इसमें हम पूरी तरह समर्थ है।
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ भी भारत का हिस्सा है। केंद्र सरकार इसके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार न करे। कस्टम मिलिंग कर छत्तीसगढ़ सरकार धान को चावल बना सकती है। दूसरे राज्य से जिस तरह चावल खरीदा जाता है। उसी तरह छत्तीसगढ़ से भी केंद्र सरकार चावल खरीदे।