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दुग्ध उत्पादक किसानों का कहना है कि जिस तरह से गाय पालन करने में महंगाई के चलते दूध की कीमत नहीं मिल पा रही है और बल्कि दाना व कनकी जैसे पशु आहार की कीमतों को बढ़ा दिया गया है। इससे दूध की कीमत निकाल पाना मुश्किल हो गया है। जबकि शहरी क्षेत्रों में दूध की प्रति लीटर 50 से 60 रुपए बेचा जा रहा है। वही गांव मे दूध की कीमत प्रति लीटर मात्र 35 रुपए खरीदी की जा रही है। वैसे बरमकेला ब्लॉक क्षेत्र में दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है और इन समितियों के माध्यम से दूध उत्पादक किसानों को जोड़ा गया है।
किंतु समिति के पदाधिकारी भी किसानों को वाजिब दाम दिला पाने में नाकाम है। दूध सहकारी समिति छत्तीसगढ़ के तहत बरमकेला ब्लॉक में दुग्ध सहकारी समिति धोबनीपाली का संचालन किया जा रहा है। इस समिति में मानिकपुर, बरगांव, साल्हेओना, दादरपाली के गाय पालक दूध लेकर आते हैं और औने पौने दाम पर बेचकर चले जाते हैं। किसानों ने बताया कि यहां पर दूध प्रति लीटर 35 रुपए तक की दर पर भुगतान मिल रहा है। वही किसानों को न बोनस और न दाना मिलता है। ऐसे सस्ते दर पर दूध की बिक्री होने से किसान मायुस है और दूध की कीमत बढ़ाने की मांग की है।
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पहले बोनस व दाना भी मिलता था, अब नहीं 7 साल पहले सहकारी समितियों में दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रति महीने प्रति लीटर दूध के हिसाब से 2.50 रुपए नगद बोनस और 250 ग्राम दाना दिया जाता था। लेकिन अब बोनस का अता पता नहीं है और न ही किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह भी पढ़ें
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दाना 25 तो कनकी की किलो 22 रुपए में किसानों की माने तो पशु आहार के रुप में दाना प्रति किलोग्राम 25 रुपए में खरीद रहे हैं वहीं अरवा कनकी की कीमत प्रति किलोग्राम 22 रुपए में मिल रहा है। इन पशु आहार को एच एफ नस्ल की गायों को खिलाने पर ही दूध की मात्रा बढती है और गाढापन रहता है। वही देशी गाय के लिए सामान्य चारा – पानी खिलाकर दूध उत्पादन किया जा रहा है।
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जिस तरह से दूध की कीमत शहरी इलाकों में मिल रहा है और वहां खरीदी हो रही है उस लिहाज से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। पशु आहार की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन दूध की कीमत नहीं बढ़ा रहे हैं। रमाशंकर पटेल, दूध उत्पादक, धोबनीपाली10 साल से दूध बेच रहा हूं लेकिन दूध की कीमत नहीं बढ़ाई जा रही है। पहले कम से कम बोनस के रूप में कुछ मिल जाता था अब कुछ नहीं दिया जा रहा है और मनमानी तरीके से कीमत पर भुगतान मिल रहा है। जवाहरी पटेल, दूध उत्पादक, मानिकपुर बडे़