इन 6 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षाकर्मी 3 नवंबर को राजधानी में करेंगे प्रदर्शन
पंचायत शिक्षकों के लिए एक नियम यह है कि आठ साल तक सेवा देने के बाद उन्हें समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाना होता है। ऐसे में संबंधित शिक्षकों का वेतन बढ़ जाता है। छह से आठ माह पहले तक की स्थिति में इस नियम का नियमित रूप से पालन किया जाता था, लेकिन कुछ माह से शिक्षकों को समयमान-वेतनमान का लाभ लेने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं वजह है कि जुलाई से 18 शिक्षकों की फाइल जिला पंचायत में फंसी हुई है जो बाहर नहीं आ रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो जिला पंचायत में यह फाइल जुलाई में ही पहुंच गई थी।छोटे भाई को होटल में छोड़कर मालिक चला गया था घर, जब सुबह आकर देखा तो खून से लथपथ पड़ा था शरीर
इस समय जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर फाइल में नहीं थे। वहीं जिला पंचायत के अधिकारियों का यह मानना था कि पंचायत शिक्षकों को इसका लाभ देने से प्रदेश सरकार पर वित्तीय भार बढ़ेगा। ऐसे में उक्त फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हो सका है। वहीं इसके बाद जिला पंचायत की ओर से शासन को मार्ग दर्शन भी मांगा गया और 28 अगस्त को जिला पंचायत से एक पत्र शासन को भेजा गया। इस पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया था कि संबंधित शिक्षकों को समयमान वेतनमान का लाभ देने से शासन पर वित्तीय भार बढ़ेगा। इस पत्र का जवाब शासन ने 13 सितंबर को आया। इसमें यह उल्लेख किया गया है कि शासन और संचालनालय द्वारा इसके लिए जो निर्देश जारी किए गए हैं उसके अनुसार कार्य किया जाए। इसके बाद भी संबंधित शिक्षकों के समयमान-वेतनमान की फाइल में हस्ताक्षर नहीं हो रहे हैं। शिक्षक काट रहे चक्कर
बताया जा रहा है कि समयमान-वेतनमान की फाइल जब से जिला पंचायत में आई इसके कुछ दिनों तक शिक्षकों ने यह इंतजार किया कि उन्हें इसका लाभ मिलेगा, लेकिन जब फाइल में अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं हुए तो वे जिला पंचायत पहुंचने लगे। वहीं विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर इस बात की टोह लेते रहे, लेकिन अब तक शिक्षकों की फाइल में हस्ताक्षर नहीं हो सका।
बताया जा रहा है कि समयमान-वेतनमान की फाइल जब से जिला पंचायत में आई इसके कुछ दिनों तक शिक्षकों ने यह इंतजार किया कि उन्हें इसका लाभ मिलेगा, लेकिन जब फाइल में अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं हुए तो वे जिला पंचायत पहुंचने लगे। वहीं विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर इस बात की टोह लेते रहे, लेकिन अब तक शिक्षकों की फाइल में हस्ताक्षर नहीं हो सका।
हर माह हजारों का उठा रहे नुकसान
शिक्षकों की माने तो इससे पहले जिन शिक्षकों का आठ वर्ष पूरा होता था, उन्हें इस नियम के तहत लाभ मिलता था, लेकिन अब इसमें लेटलतीफी की जा रही है। पिछले तीन माह से शिक्षकों के समयमान-वेतनमान की फाइल में अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं होने से उन्हें हर माह हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।
शिक्षकों की माने तो इससे पहले जिन शिक्षकों का आठ वर्ष पूरा होता था, उन्हें इस नियम के तहत लाभ मिलता था, लेकिन अब इसमें लेटलतीफी की जा रही है। पिछले तीन माह से शिक्षकों के समयमान-वेतनमान की फाइल में अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं होने से उन्हें हर माह हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।
फिर पहुंच चुकी है वेतनवृद्धि की फाइल
बताया जा रहा है कि जुलाई के बाद अगस्त और सितंबर में भी कुछ शिक्षकों की सेवा अवधि आठ साल पूरी हो गई। ऐसे शिक्षकों को समयमान-वेतनमान का लाभ दिलाने के लिए संबंधित शाखा से फाइल जिला पंचायत में पहुंच चुकी है, लेकिन उनका मामला भी लटका हुआ है। इस बात को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी है।
बताया जा रहा है कि जुलाई के बाद अगस्त और सितंबर में भी कुछ शिक्षकों की सेवा अवधि आठ साल पूरी हो गई। ऐसे शिक्षकों को समयमान-वेतनमान का लाभ दिलाने के लिए संबंधित शाखा से फाइल जिला पंचायत में पहुंच चुकी है, लेकिन उनका मामला भी लटका हुआ है। इस बात को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी है।
समयमान-वेतनमान के और भी कुछ प्रकरण आ गए थे। इसकी वजह से रूका हुआ है। जल्द ही सभी प्रकरण का निराकरण कर दिया जाएगा।
ऋचा प्रकाश चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत
ऋचा प्रकाश चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत
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