पुलिस कंट्रोल रूम में इस मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सदानंद कुमार ने बताया कि आरोपी सूरज गुप्ता पिता सुरेश गुप्ता उम्र 41 साल निवासी हिमालया हाइट्स, देवपुरी रायपुर हाल मुकाम शांति नगर बिलासपुर बताया कि पूर्व में रियल एस्टेट कंपनी में काम करता था। आरोपी के द्वारा क्लाइंट के रुपए की धोखाधड़ी कर रायपुर में काम बंद कर उसके साथ कंपनी में काम करने वाली विवाहिता महिला निधि औसरिया और उसके बेटे पार्थ के साथ बिलासपुर में रहने लगा। सूरज गुप्ता और निधि पहले से विवाहित थे जो कुछ समय पहले से बिलासपुर में पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। आरोपी ने बताया कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा विवाद होता था। 24 नवंबर की रात निधि और सूरज में झगड़ा हुआ। इसे लेकर सूरज दूसरे दिन भी गुस्से में था और 25 नवंबर की दोपहर दोनों के बीच फिर विवाद हुआ। इससे सूरज आवेश में आकर घर में रखे हथौड़ा से निधि के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार किए। इससे निधि अधमरी हो गई। वहीं पैर से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पकड़े जाने के डर से घर में मौजूद मासूम पार्थ की वायर से गला दबाकर हत्या कर दिया। पुलिस ने आरोपी से मृतिका औसरिया के सोने चांदी के जेवरात करीब सात आठ लाख रुपए नगद कैश करीब ढाई लाख रुपए और एक्सयूवी 700 कार की जब्त की है।
लाश ठिकाने लगाने पहुंचा था रायगढ़
इसके बाद शव ठिकाने लगाने की प्लानिंग में सूरज जुट गया। उसने पेट्रोल, प्लास्टिक व अन्य सामान की व्यवस्था कर शव को शहर से दूर ठिकाने लगाने 26 नवंबर की सुबह दोनों लाश को एक्सयूवी कार के डिक्की में डालकर रायगढ़ की ओर निकाला 26 नवंबर की दोपहर में ही आरोपी सूरज गुप्ता नेतनागर पहुंच गया और पैरावट रखे स्थान की रैकी कर स्थान को उचित मानकर रात होने का इंतजार किया। देर रात शव को जलाकर पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार मार्ग बदल-बदल कर अकलतरा-बिलासपुर होते हुए अपने घर शांति नगर पहुंचा और कार पोर्च पर खड़ी कर रफू चक्कर हो गया।
इस तरह दिया घटना को अंजाम
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सदानंद कुमार ने बताया कि आरोपी ने खौफनाक तरीके से घटना को अंजाम दिया। इसके लिए आरोपी ने हथौड़ा, पेचकस और चाकू का उपयोग किया। सुरज ने निधि की हत्या बिलासपुर स्थित घर में की। वह जब कमरे में थी तो आरोपी ने पहले हथौड़ा से उसके कनपटी पर ताबड़तोड़ वार किया। इससे वह चीखपुकार मचाते हुए अधमरी हो गई। इसके बाद पेचकस से उसके सीने में लगातार वार किया। उधर दूसरे कमरे में बंद पार्थ ने जब मां की चीखपुकार सुनी तो वह भी चीखने लगा। सुरज उसे पहले ही दूसरे कमरे में बंद कर दिया था। वह पार्थ के पास पहुंचा और केबल को उसके गले में फंसा कर उठा कर पटका। इससे मासूम अधमरा हो गया। इसके बाद वह फिर निधि के पास पहुंचा, तब तक उसकी सांसे चल रही थी। इस समय वह चाकू से उसके गले की नस काटा और मौत की नींद सुला दी। उसकी हत्या के बाद वह मासूम के पास पहुंचा उसमें भी जान थी तो वह मासूम के सीने में पैर रख कर खड़ा हो गया जब तक उसकी सांसें नहीं टूटी।