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इसी जानकारी होने पर सियाराम मांझी उसे अस्पताल ले जाने की बजाय घर में ही रखकर जड़ी-बुटी से उपचार कर रहा था। तीन चार दिन बाद उसका घाव भर गया तो उसे लगा कि अब बच्चा स्वस्थ हो गया है। 14 फरवरी की सुबह करीब 8 बजे सिद्धांत स्कूल पढ़ने के लिए गया था। वहां कुछ देर बाद उसे उल्टी होने लगी। शिक्षकों द्वारा उसे घर भेज दिया गया। घर आने के बाद उसकी तबीयत और गंभीर होने लगी तो परिजनों ने उसे घरघोड़ा अस्पताल में भर्ती कराए। जहां एक दिन उपचार के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं होता देख डाक्टरों ने उसे रायगढ़ रेफर कर दिया। 15 फरवरी की सुबह करीब आठ बजे मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार दौरान गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 1.45 बजे सिद्धांत की मौत हो गई। शुक्रवार को अस्पताल से भेजी गई तहरीर पर पर चक्रधरनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया है।